संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को एकमत से उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार किया जिससे पहले से ही कई तरह के प्रतिबंध झेल रहे उत्तर कोरिया पर इनका बोझ और बढ़ गया है।
अमेरिका और चीन की ओर से सह-प्रायोजित प्रस्ताव में उत्तर कोरिया की अवैध गतिविधियों के समर्थन में किए जा रहे वित्तीय लेन-देन और एकमुश्त नकद अंतरण पर लगाम लगाने की खातिर नए आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। उत्तर कोरिया की अवैध गतिविधियों से संबंध पाए जाने पर वित्तीय क्षेत्र से जुड़े प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘प्रभावी और विश्वसनीय उपायों पर एकमत से सहमति जताते हुए सुरक्षा परिषद ने डेमोक्रेटिक पीपुल रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) को स्पष्ट संदेश दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय परमाणु हथियार पाने की उसकी कोशिशों को और इससे जुड़ी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’’
बयान में कहा गया, ‘‘परिषद की कार्रवाई किसी भी परमाणु परीक्षण के खिलाफ वैश्विक मानदंडों को बरकरार रखने और परमाणु अप्रसार नियमों को मजबूत बनाने की उसकी प्रतिबद्धता दिखाती है।’’
उत्तर कोरिया और अन्य देशों से प्रस्ताव का पालन करने का आह्वान करते हुए बान ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्धीप में बढ़ते तनाव पर काफी चिंतित हैं। उन्होंने डीपीआरके से अपील की कि वह अस्थिरता पैदा करने वाला कोई कदम न उठाए और न ही भड़काऊ बयान दे।
बयान में बताया गया, ‘‘समूचे क्षेत्र में नए राजनीतिक नेतृत्व के मद्देनजर महासचिव प्योंगयांग से अनुरोध है कि वह अपने कदम वापस खींच ले और अपने पड़ोसियों से बेहतर संबंध कायम करे।’’ एक राजनयिक समाधान के प्रति सुरक्षा परिषद की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रस्ताव में अन्य देशों की ओर से ऐसे प्रयासों का स्वागत किया गया है जिससे वार्ता के जरिए समस्या हल हो सके। परिषद ने छह पक्षीय वार्ता के प्रति भी समर्थन जताया है।
अमेरिका और चीन की ओर से सह-प्रायोजित प्रस्ताव में उत्तर कोरिया की अवैध गतिविधियों के समर्थन में किए जा रहे वित्तीय लेन-देन और एकमुश्त नकद अंतरण पर लगाम लगाने की खातिर नए आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। उत्तर कोरिया की अवैध गतिविधियों से संबंध पाए जाने पर वित्तीय क्षेत्र से जुड़े प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘प्रभावी और विश्वसनीय उपायों पर एकमत से सहमति जताते हुए सुरक्षा परिषद ने डेमोक्रेटिक पीपुल रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) को स्पष्ट संदेश दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय परमाणु हथियार पाने की उसकी कोशिशों को और इससे जुड़ी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’’
बयान में कहा गया, ‘‘परिषद की कार्रवाई किसी भी परमाणु परीक्षण के खिलाफ वैश्विक मानदंडों को बरकरार रखने और परमाणु अप्रसार नियमों को मजबूत बनाने की उसकी प्रतिबद्धता दिखाती है।’’
उत्तर कोरिया और अन्य देशों से प्रस्ताव का पालन करने का आह्वान करते हुए बान ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्धीप में बढ़ते तनाव पर काफी चिंतित हैं। उन्होंने डीपीआरके से अपील की कि वह अस्थिरता पैदा करने वाला कोई कदम न उठाए और न ही भड़काऊ बयान दे।
बयान में बताया गया, ‘‘समूचे क्षेत्र में नए राजनीतिक नेतृत्व के मद्देनजर महासचिव प्योंगयांग से अनुरोध है कि वह अपने कदम वापस खींच ले और अपने पड़ोसियों से बेहतर संबंध कायम करे।’’ एक राजनयिक समाधान के प्रति सुरक्षा परिषद की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रस्ताव में अन्य देशों की ओर से ऐसे प्रयासों का स्वागत किया गया है जिससे वार्ता के जरिए समस्या हल हो सके। परिषद ने छह पक्षीय वार्ता के प्रति भी समर्थन जताया है।
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