
पिछले दिनों नेपाल में एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसने सबको चौंका दिया था. दरअसल, नेपाल के बाजुरा जिले में अंबा बोहोरा नाम की महिला को माहवारी के चलते घर से बाहर झोपड़ी में सोना पड़ा. अंबा ने अपने दो बच्चों को ठंड से बचाने के लिए झोपड़ी में आग जलाई थी. रात को आग के धुएं से दम घुटने के कारण न सिर्फ अंबा बोहरा की जान चली गई, बल्कि उनके दोनों बेटों की भी मौत हो गई. इस घटना को अभी महीने भर भी नहीं हुए हैं कि नेपाल में ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक इस बार धोती जिले में माहवारी की वजह से बिना खिड़की वाली झोपड़ी में रह रही 21 वर्षीय एक महिला की कथित तौर पर दम घुटने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 31 जनवरी को पार्वती बोगाती अलग थलग एक झोपड़ी में अकेले सो रही थी. झोपड़ी को गर्म रखने के लिए उसने आग जला रखी थी. काठमांडू पोस्ट की खबर में बताया गया है कि अगले दिन सुबह पार्वती के देर तक न उठने पर उसकी सास लक्ष्मी बोगती झोपड़ी में गई जहां वह मृत पड़ी मिली.
झोंपड़ी में दम घुटने से मां-बेटों की मौत, माहवारी के चलते घर से किया गया था बाहर
लक्ष्मी ने बताया ‘वह (पार्वती) खुश थी क्योंकि अगले दिन उसका माहवारी चक्र समाप्त हो जाता, लेकिन उससे पहले ही उसका देहांत हो गया'. उसने कहा कि पार्वती उस दिन अलग थलग पड़ी झोपड़ी में गई क्योंकि अक्सर माहवारी के दौरान वह जिस झोपड़ी में जाती थी, वहां तीन अन्य रजस्वला महिलाएं भी थीं. ग्रामीण नगरपालिका अध्यक्ष दीर्घा बोगती ने बताया कि पार्वती की मौत दम घुटने की वजह से हुई. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है. इससे पहले 2018 में भी इसी तरह 23 साल की एक महिला की जान गई थी. आपको बता दें कि नेपाल में माहवारी के दौरान महिला को अस्पृष्य मानते हुए अलग थलग रहने की इस प्रथा पर रोक लगा दी गई है, लेकिन कई समुदायों में अब भी माहवारी के दौरान महिला को अपवित्र मान कर उसे इस अवधि में पारिवारिक आवास से दूर रहने के लिए बाध्य किया जाता है. (इनपुट-भाषा से भी)
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