
- काठमांडू में युवाओं ने सोशल मीडिया पर बैन के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है
- प्रदर्शनकारी युवाओं ने भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ भी अपनी आवाज संसद में उठाई है
- नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटाने के लिए कंपनियों को स्थानीय रजिस्ट्रेशन और ऑफिस खोलने की शर्त रखी है
नेपाल में फेसबुक-वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर बैन को लेकर युवाओं में भारी उबाल है. खासकर जेनरेशन Z सड़कों पर उतर आया है. विद्रोह की आंच इतनी तेज है कि यह काठमांडू में संसद भवन तक पहुंच गई है. राष्ट्रपति भवन समेत सभी प्रमुख जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है. दरअसल नेपाल सरकार ने रजिस्ट्रेशन की शर्तें पूरी न करने पर यू-ट्यूब, फेसबुक, वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर बैन का फैसला किया था. उससे खासकर युवाओं में भारी उबाल है. इस प्रदर्शन में शामिल युवा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ भी आवाज बुलंद कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक पुलिस के साथ झड़प में 8 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.
क्या है वह फैसला, जिस पर बवाल
- नेपाल ने तय समयसीमा के भीतर आईटी मिनिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन न कराने पर गुरुवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर बैन लगाया था.
- मंत्रालय ने नोटिस जारी कर कहा था कि इन सोशल मीडिया कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था. बुधवार रात को जब समयसीमा खत्म हो गई, तब भी किसी भी बड़े सोशल मीडिया मंच ने आवेदन जमा नहीं किया.
- इसमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप), ‘अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पूर्व में ट्विटर), ‘रेडिट' और ‘लिंक्डइन' शामिल हैं.
- मंत्रालय के मुताबिक ‘टिकटॉक, ‘वाइबर', ‘विटक', ‘निंबज' और ‘पोपो लाइव' को लिस्ट किया गया है. टेलिग्राम और ग्लोबल डायरी ने आवेदन किया है.
- सोशल मीडिया मंचों पर बैन लगाने का फैसला संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.
- नेपाल सरकार के मुताबिक ये फ्लैटफॉर्म सोशल नेटवर्क उपयोग प्रबंधन के निर्देश, 2023 के तहत जरूरी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस का पालन नहीं कर रहे थे. यह बैन गुरुवार आधी से लागू हो गया. नेपाल सरकार के मुताबिक रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर बैन खत्म कर दिया जाएगा.
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस फैसले से विदेश में रहने वाले, कमाने या सीखने वाले लाखों नेपाली प्रभावित होंगे. उनमें से ज्यादातर लोग रोजाना बातचीत के लिए फेसबुक मैसेंजर और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं.
नेपाल के संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, सोशल मीडिया बैन के खिलाफ बवाल, बेरोजगारी- भ्रष्टाचार के खिलाफ भी प्रदर्शन#nepal | #socialmedia pic.twitter.com/gyj1pHFazh
— NDTV India (@ndtvindia) September 8, 2025
यह भी पढ़ें: नेपाल में भारी बवाल, जानिए Gen Z के खून में आखिर क्यों आया इतना उबाल
आपको बता दें कि नेपाल की मौजूदा सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटाने के लिए एक शर्त रख दी है. सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर लगा ये बैन तभी हटेगा जब कंपनियां नेपाल में अपना ऑफिस खोलेंगी. साथ ही सरकार के समक्ष अपना पंजीकरण कराएंगी और गड़बड़ी रोकने के लिए सिस्टम बनाएंगे.

कई इलाकों में लागू किया गया कर्फ्यू
राजधानी काठमांडू में उग्र प्रदर्शन और बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है. अभी तक युवाओं ने संसद भवन को घेर लिया है. युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है. युवाओं के प्रदर्शन के बीच नेपाल की सरकार अपने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर रही है.

प्रदर्शनकारियों पर दागे गए आंसू गैस के गोले
काठमांडू में युवाओं का प्रदर्शन हर बीतते घंटे के साथ और बढ़ता जा रहा है. हजारों की संख्या में युवा सरकार के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बल हर तरह की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी लागातर उग्र होते दिख रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को उग्र होता है देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं.
जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग
प्रदर्शनकारियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए अलग-अलग इलाकों और खासकर पीएम आवास व अन्य बड़े नेताओं और अफसरों के आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि कैसे भी करके प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके. सूत्र बता रहे हैं कि अगर हालात काबू में नहीं आए तो सेना को भी बुलाया जा सकता है.
आपको बता दें कि नेपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है. जिसके बाद नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स को बंद किया जा रहा है. ये फैसला सरकार की तरफ से दी गई एक हफ्ते की डेडलाइन पूरी होने के बाद लिया गया है, इससे पहले नेपाल सरकार ने सभी कंपनियों को एक हफ्ते में रजिस्ट्रेशन करने का वक्त दिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं