
- नेपाल में जनसंख्या वृद्धि की कमी को देखते हुए सरकार ने तीन बच्चे पैदा करने की राष्ट्रीय नीति लागू की है.
- नेपाल की वर्तमान आबादी लगभग 2.97 करोड़ है, लेकिन जन्म दर 19.6 से घटकर 2025 में 17 तक पहुंच गई है, जिससे सरकार चिंतित है.
- देश में फर्टिलिटी रेट भी गिर रहा है, जो 2013 में 2.36 था, 2023 में 1.98 रह गया और 2025 में 1.8 तक गिरने की संभावना है.
Nepal Population Policy: जब दुनिया जनसंख्या विस्फोट से डरी हुई है. नेपाल एक ऐसा देश है, जो जनसंख्या की कमी से घबराया हुआ है. जहां पहले सरकार कहती थी कि कम बच्चे पैदा करो, अब वही सरकार कह रही है तीन बच्चे तो जरूर पैदा करो, क्योंकि अगर अब नहीं सुधरे, तो आने वाला कल शायद सुनसान हो. 82% हिंदू आबादी वाला देश नेपाल अब जनसंख्या की कमी से जूझ रहा है. इसी के चलते अब सरकार खुद लोगों से कह रही है शादी करो, बच्चे पैदा करो. नहीं तो देश का भविष्य खतरे में है.
नेपाल ने अब तीन बच्चे पैदा करने की राष्ट्रीय नीति लागू कर दी है. ये ऐलान खुद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने किया है. इसे जनसंख्या संकट से उबरने के लिए एक जरूरी कदम बताया गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में नेपाल की आबादी 2.97 करोड़ है. नेपाल भारत और चीन के पड़ोस में स्थित दक्षिण एशिया का एक हिंदू बहुल देश है.
तो आखिर क्यों नेपाल में अब जनसंख्या बढ़ाने की जरूरत पड़ रही है? आइए समझते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से.
कम हो रही है जन्म दर
नेपाल की कुल आबादी करीब 2.97 करोड़ है. लेकिन 2022 में जहां जन्म दर 19.6 थी, वहीं 2025 में ये गिरकर 17 पर पहुंच गई है. यानी हर साल नवजात कम हो रहे हैं, और यही सरकार की सबसे बड़ी चिंता है.
फर्टिलिटी रेट भी गिरा
Statista के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में नेपाल का फर्टिलिटी रेट 2.36 थी, जो 2023 तक घटकर 1.98 रह गया गई. अब 2025 में इसके 1.8 तक गिरने की आशंका जताई जा रही है.
लोगों में शादी और पैरेंटहुड को लेकर हिचकिचाहट
प्रधानमंत्री ओली ने कहा है कि पहले जब हमने ‘कम बच्चे' की अपील की, तो लोग ‘शून्य' पर आ गए. अब स्थिति ये है कि युवा न तो शादी करना चाहते हैं, न ही बच्चा पैदा करना.
नई पॉलिसी में 3 बच्चे और तय उम्र में शादी
सरकार की तरफ से अब स्पष्ट नीति बनाई गई है. इसमें न्यूनतम शादी की उम्र 20 साल तय की गई है.30 साल तक शादी करने की सलाह दी जा रही है और सबसे अहम हर परिवार को तीन बच्चे पैदा करने का सुझाव दिया जा रहा है.
जल्द बनेगा सख्त कानून
प्रधानमंत्री ओली ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर लोग पालन नहीं करते तो सरकार इस नीति पर कानून भी बनाएगी. उनका कहना है कि सभ्यता को जिंदा रखने के लिए जन्म दर का संतुलन बेहद जरूरी है.
भारत और चीन के बीच बसे इस छोटे से देश में अब चिंता बड़ी है, क्योंकि जहां दुनिया ओवरपॉपुलेशन से जूझ रही है, वहीं नेपाल खाली होता भविष्य देख रहा है. अब देखना होगा कि क्या ये नई पॉलिसी वाकई नेपाल के युवाओं को शादी और परिवार की ओर मोड़ पाएगी? ये सिर्फ एक नीति नहीं, एक देश की बढ़ती खामोशी के खिलाफ आखिरी कोशिश है.
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