काठमांडो:
नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव ने प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा राष्ट्रीय सरकार गठित करने में नाकाम रहने के एक दिन बाद आज प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी पर आमसहमति बनाने की समयसीमा को छह दिन के लिए बढ़ा दिया।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया कि राष्ट्रपति ने प्रमुख राजनीतिक दलों के आग्रह पर प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के नाम पर आमसहमति बनाने की समयसीमा को छह और दिनों के लिए बढ़ा दिया।
यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय एकता सरकार गठित करने के लिए राजनीतिक दलों के लिए समयसीमा बढ़ाई है। नई सरकार बाबूराम भट्टाराई के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार की जगह लेगी।
राष्ट्रपति यादव ने पिछले सप्ताह यह समयसीमा बीते गुरुवार तक के लिए बढ़ाई थी क्योंकि राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि उन्हें आमसहमति पर पहुंचने के लिए और समय की जरूरत है। हालांकि विचार-विमर्श के बावजूद पार्टियों प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर एकराय नहीं बना पाईं।
समयसीमा बढ़ाने का फैसला ऐसे समय सामने आया है जब राष्ट्रपति और माओवादी पार्टी के प्रमुख प्रचंड के बीच आज सुबह महत्वपूर्ण बैठक हुई।
सूत्रों ने कहा कि चारों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच गुरुवार की वार्ता विफल रही क्योंकि यूएसीपीएन माओवादी और संयुक्त मधेसी मोर्चा का सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दल नेपाली कांग्रेस तथा सीपीएन यूएमएल अपने रुख पर कायम है। इससे पहले नेपाली कांग्रेस ने सुशील कोइराला को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया कि राष्ट्रपति ने प्रमुख राजनीतिक दलों के आग्रह पर प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के नाम पर आमसहमति बनाने की समयसीमा को छह और दिनों के लिए बढ़ा दिया।
यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय एकता सरकार गठित करने के लिए राजनीतिक दलों के लिए समयसीमा बढ़ाई है। नई सरकार बाबूराम भट्टाराई के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार की जगह लेगी।
राष्ट्रपति यादव ने पिछले सप्ताह यह समयसीमा बीते गुरुवार तक के लिए बढ़ाई थी क्योंकि राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि उन्हें आमसहमति पर पहुंचने के लिए और समय की जरूरत है। हालांकि विचार-विमर्श के बावजूद पार्टियों प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर एकराय नहीं बना पाईं।
समयसीमा बढ़ाने का फैसला ऐसे समय सामने आया है जब राष्ट्रपति और माओवादी पार्टी के प्रमुख प्रचंड के बीच आज सुबह महत्वपूर्ण बैठक हुई।
सूत्रों ने कहा कि चारों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच गुरुवार की वार्ता विफल रही क्योंकि यूएसीपीएन माओवादी और संयुक्त मधेसी मोर्चा का सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दल नेपाली कांग्रेस तथा सीपीएन यूएमएल अपने रुख पर कायम है। इससे पहले नेपाली कांग्रेस ने सुशील कोइराला को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया।
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