दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी है माउंट मनास्लू
काठमांडू:
कामयाबी की बुलंदियों को नापने में महिलाओं का कोई मुकाबला नहीं है. आसमान छूती पर्वतों की चोटियां ही क्यों न हों, वे दुर्गम रास्तों को पार करके वहां भी अपनी फतह का परचम लहराती हैं. अब नेपाल की एक महिला फोटो पत्रकार की बात करें तो उन्होंने गोरखा जिले में स्थित दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मनास्लू को फतह किया है.
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एक अभियान कंपनी शेरपा खांगरी आउटडोअर के निदेशक टेंबा शेरी शेरपा ने बताया कि उन्होंने शेरपा गाइडों और अधिकारियों से, जो कैम्प 4 में थे, वॉकी-टॉकी संचार माध्यम से पुष्टि की है कि पूर्णिमा श्रेष्ठा 8,163 मीटर ऊंची पहाड़ी की चोटी पर सुबह चार बजे पहुंच गई थीं.
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उन्होंने कहा कि इस सत्र में माउंट मनास्लू पर चढ़ाई के लिए कम से कम 20 टीमों ने मंजूरी ली थी जिनमें 250 से ज्यादा पर्वतारोही शामिल थे. गोरखा जिले की रहने वाली 27 वर्षीय श्रेष्ठा नेपाल में विभिन्न राष्ट्रीय दैनिकों और वेब पोर्टल के लिए पिछले साल से फोटो पत्रकारिता कर रहीं हैं.
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श्रेष्ठा ने अपने अभियान से पहले बताया कि वे चोटी पर चढ़ाई करना चाहती हैं ताकि दूसरी महिलाओं को अपने सपनों को जीने के लिए प्रोत्साहित कर सकें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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एक अभियान कंपनी शेरपा खांगरी आउटडोअर के निदेशक टेंबा शेरी शेरपा ने बताया कि उन्होंने शेरपा गाइडों और अधिकारियों से, जो कैम्प 4 में थे, वॉकी-टॉकी संचार माध्यम से पुष्टि की है कि पूर्णिमा श्रेष्ठा 8,163 मीटर ऊंची पहाड़ी की चोटी पर सुबह चार बजे पहुंच गई थीं.
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उन्होंने कहा कि इस सत्र में माउंट मनास्लू पर चढ़ाई के लिए कम से कम 20 टीमों ने मंजूरी ली थी जिनमें 250 से ज्यादा पर्वतारोही शामिल थे. गोरखा जिले की रहने वाली 27 वर्षीय श्रेष्ठा नेपाल में विभिन्न राष्ट्रीय दैनिकों और वेब पोर्टल के लिए पिछले साल से फोटो पत्रकारिता कर रहीं हैं.
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श्रेष्ठा ने अपने अभियान से पहले बताया कि वे चोटी पर चढ़ाई करना चाहती हैं ताकि दूसरी महिलाओं को अपने सपनों को जीने के लिए प्रोत्साहित कर सकें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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