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This Article is From Aug 26, 2012

'अंतरिक्ष' यात्रा से अब नहीं लौटेंगे आर्मस्ट्रांग

'अंतरिक्ष' यात्रा से अब नहीं लौटेंगे आर्मस्ट्रांग
वाशिंगटन: चांद पर पहला कदम रखने वाले दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री नील आर्म्सट्रांग नहीं रहे। 82 वर्ष की उम्र में शनिवार को उनका निधन हो गया। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित दुनियाभर की हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

ओबामा ने आर्म्सट्रांग को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा, "वह न केवल अपने जमाने के, बल्कि हर समय के हीरो थे।" उन्होंने आर्म्सट्रांग को दुनिया को 'एक छोटे कदम की ताकत' दिखाने के लिए धन्यवाद दिया।

वहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख चार्ल्स बोल्डेन ने आर्म्सट्रांग को 'अमेरिका के महान खोजकर्ताओं में से एक' बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

उनके अंतरिक्ष मिशन अपोलो 11 के पायलट माइकल कोलिन ने कहा, "वह उम्दा थे, मैं उन्हें बहुत याद करूंगा।"

आर्म्सट्रांग ने 20 जुलाई, 1969 को पहली बार चांद पर कदम रखा था। चांद पर यह पहला इंसानी कदम था। तब उन्होंने इसे 'एक आदमी का छोटा कदम, मानवता के लिए बड़ी छलांग' बताया था। 20वीं शताब्दी में उनकी यह उक्ति खासी लोकप्रिय हुई थी।

बीबीसी के अनुसार, आर्म्सट्रांग के परिजनों ने शनिवार को उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा था कि हृदय रोग के निदान के लिए हाल ही में उनका ऑपरेशन किया गया था, लेकिन इसके बाद उनकी हालत और बिगड़ती गई और शनिवार को अंतत: उन्होंने दम तोड़ दिया।

परिजनों ने आर्म्सट्रांग के चाहने वालों से कहा कि अगली बार रात में जब कभी घर के बाहर टहलते हुए आप चांद को देखें तो आर्म्सट्रांग के बारे में सोचें, आप उन्हें वहां से मुस्कराते हुए पाएंगे।

आर्म्सट्रांग ने 1971 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा छोड़ दिया था और छात्रों को अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के बारे में पढ़ाने लगे थे।

ओहियो में वर्ष 1930 में जन्म लेने वाले और पलने-बढ़ने वाले आर्म्सट्रांग ने छह साल की उम्र में पहली बार पिता के साथ विमान यात्रा की थी और तभी से आकाश में उड़ना उन्हें बेहद पसंद था।

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