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This Article is From Aug 11, 2017

नवाज शरीफ ने कहा, कोर्ट का फैसला देश के 20 करोड़ लोगों का अपमान

नवाज शरीफ ने इस्लामाबाद से लाहौर तक ग्रैंड ट्रैंक रोड के जरिए अपनी यात्रा के दूसरे दिन समर्थकों से कहा, यह पाकिस्तान के 20 करोड़ लोगों का अपमान है. आपने मेरे लिए वोट दिया और 5 माननीय जजों ने एक ही झटके में मुझे घर भेज दिया.

नवाज शरीफ ने कहा, कोर्ट का फैसला देश के 20 करोड़ लोगों का अपमान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ. (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
नवाज शरीफ बोले, 5 माननीय जजों ने मुझे एक झटके में घर भेज दिया
यह फैसला 20 करोड़ जनता का अपमान है जिन्होंने मुझे वोट दिया था
नवाज शरीफ ने लोगों से अपील की कि वे अपने जनादेश की रक्षा करें
इस्लामाबाद : नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने को लेकर न्यायपालिका की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के 20 करोड़ लोगों का अपमान है कि उनके द्वारा निर्वाचित नेता को एक ही झटके में पद से बेदखल कर दिया गया. पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने इस्लामाबाद से लाहौर तक ग्रैंड ट्रैंक रोड के जरिए अपनी यात्रा के दूसरे दिन समर्थकों से कहा, यह पाकिस्तान के 20 करोड़ लोगों का अपमान है. आपने मेरे लिए वोट दिया और 5 माननीय जजों ने एक ही झटके में मुझे घर भेज दिया.

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गबन का आरोप नहीं फिर अयोग्य कैसे?
उन्होंने यह कहते हुए न्यायालय के आदेश की आलोचना की कि जजों ने कहा कि भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है. फिर पूछा कि उन्हें क्यों अयोग्य करार दिया गया जब गबन करने का कोई मामला ही नहीं है. शरीफ ने कहा, मैंने इसका फैसला इतिहास पर छोड़ दिया है. वहीं दूसरी ओर तानाशाहों को दशकों तक शासन करने की इजाजत दी गई और जजों ने उन्हें शासन करने दिया.

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जनादेश की रक्षा के लिए लोगों से की अपील

नवाज शरीफ ने लोगों से अपील की कि वे अपने जनादेश की रक्षा करें ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को 'अलोकतांत्रिक' तरीके से नहीं हटाया जाए. पनामा पेपर्स कांड को लेकर उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दे दिया  था. उन्हें रिकॉर्ड तीसरी बार पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने अपने राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद से लाहौर की यात्रा शुरू करने के बाद रावलपिंडी के मुख्य इलाके में एक बड़ी रैली को संबोधित किया. 67 साल के शरीफ ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि देश के 70 साल के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री को उसका कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया गया.  

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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