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This Article is From Dec 15, 2012

नाटो फौजों का युद्ध अभियान 2013 के अंत तक : करजई

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि नाटो के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) का युद्ध अभियान 2013 के अंत तक समाप्त हो जाएगा और अफगानिस्तान की सेना पूरे देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्भालेंगी।

करजई ने शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अफगानिस्तान के राजदूतों एवं राजनयिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नाटो के नेतृत्व वाली फौजें 2014 के अंत तक अफगानिस्तान छोड़ देंगी और उसके बाद अफगानिस्तान का विश्व के अन्य देशों के साथ रिश्तों में बदलाव आएगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा, "अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी पर चिंता की कोई बात नहीं है। आप पूरे विश्वास के साथ किसी भी देश से बात कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से विदेशी फौजों की वापसी से देश की सुरक्षा एवं स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

करजई ने कहा कि नाटो फौजें अफगानिस्तान के गांवों से अपने-अपने देशों के शिविरों में जा रही हैं।

अफगानिस्तान से नाटो के नेतृत्व वाली विदेशी फौजों की वापसी एवं अफगानी सैनिकों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया 2011 के मध्य से शुरू हो गई थी। यह प्रक्रिया 2014 के अंततक पूरी हो जाएगी। यद्यपि अफगानिस्तान का रक्षा मंत्रालय यह प्रक्रिया अगले वर्ष के मध्य तक पूरी करने की कोशिश कर रहा है।

करजई ने अमेरिका को वैश्विक स्तर पर एवं भारत को क्षेत्रीय स्तर पर सहयोगी बताया।

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