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रूस से व्यापार किया तो… अब नाटो प्रमुख ने भारत, चीन जैसे देशों को नाम लेकर चेतावनी क्यों दी?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही यूक्रेन के लिए नाटो के माध्यम से नए हथियारों की घोषणा की थी. साथ में 50 दिनों में शांति समझौता नहीं होने की स्थिति में रूस से सामान खरीदने वाले देशों पर 100% के सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी.

रूस से व्यापार किया तो… अब नाटो प्रमुख ने भारत, चीन जैसे देशों को नाम लेकर चेतावनी क्यों दी?
नाटो महासचिव मार्क रुटे ने अमेरिकी कांग्रेस में सीनेटरों से की बात
  • नाटो महासचिव मार्क रुटे ने ब्राजील, चीन और भारत को चेतावनी दी कि रूस से व्यापार जारी रखने पर उन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को नए हथियार देने और रूस से सामान खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी दी है.
  • रुटे ने कहा कि ये देश व्लादिमीर पुतिन को शांति वार्ता के लिए गंभीर होने के लिए कहें, अन्यथा उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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नाटो के महासचिव मार्क रुटे ने बुधवार, 15 जुलाई को चेतावनी दी कि अगर ब्राजील, चीन और भारत जैसे देश रूस के साथ अपना व्यापार करना जारी रखते हैं तो उन पर भी आर्थिक प्रतिबंध (सेकेंडरी सैंक्शंस के रूप में) लगाए जा सकते हैं.  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही यूक्रेन के लिए नाटो के माध्यम से नए हथियारों की घोषणा की थी और साथ में 50 दिनों में शांति समझौता नहीं होने की स्थिति में रूस से सामान खरीदने वाले देशों पर 100% के सेकेंडरी टैरिफ लगाने की धमकी भी दी थी. ट्रंप के इस ऐलान के अगले दिन नाटो महासचिव अमेरिकी कांग्रेस में सीनेटरों के साथ बैठक को संबोधित कर रहे थे और यहीं पर उन्होंने ब्राजील, चीन और भारत जैसे देशों को यह धमकी दी.

नोट: नाटो, जिसका पूरा नाम उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन है, एक सैन्य गठबंधन है जो 31 देशों का एक समूह है, जिसमें यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देश शामिल हैं.

रुटे ने सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी. उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ''इन तीन देशों को मेरा प्रोत्साहन, विशेष रूप से यह है कि यदि आप अभी बीजिंग में रहते हैं, या दिल्ली में हैं, या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आप शायद इस पर गौर करना चाहेंगे, क्योंकि यह आपको बहुत भारी पड़ सकता है.''

रुटे ने कहा, "तो कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, नहीं तो इसकी उलटी मार ब्राजील, भारत और चीन पर बड़े पैमाने पर झेलनी होगी."

रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेटर थॉम टिलिस ने कदमों की घोषणा के लिए ट्रंप की तारीफ की, लेकिन कहा कि 50 दिन की देरी उन्हें "चिंतित" करती है. उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता है कि "पुतिन युद्ध जीतने के लिए 50 दिनों का उपयोग करने की कोशिश करेंगे, या हत्या करने और संभावित रूप से बातचीत के आधार के रूप में अधिक जमीन हथियाने के बाद शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे.

उन्होंने कहा, "इसलिए हमें आज यूक्रेन की वर्तमान स्थिति को देखना चाहिए और कहना चाहिए, चाहे आप अगले 50 दिनों में कुछ भी करें, आपका कोई फायदा होने नहीं जा रहा है."

रुटे ने कहा कि यूरोप यह सुनिश्चित करने के लिए धन जुटाएगा कि शांति वार्ता में यूक्रेन सबसे अच्छी स्थिति में हो. उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ समझौते के तहत, अमेरिका अब यूक्रेन को "बड़े पैमाने पर" हथियारों की आपूर्ति करेगा "न केवल हवाई रक्षा, मिसाइलें, यूरोपीय लोगों द्वारा भुगतान किया गया गोला-बारूद भी."

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