केपलर मिशन की कलात्मक प्रस्तुति (फोटो क्रेडिट : नासा)
वाशिंगटन:
नासा के दुरुस्त किए गए ग्रह खोजी केपलर अंतरिक्ष यान ने ऐसे 100 से भी अधिक ग्रहों की पुष्टि की है, जो अन्य तारों की परिक्रमा कर रहे हैं। केपलर में हाल ही में कई मशीनी गड़बड़ियां आ गई थी। इसने अपने के-2 मिशन के दौरान एलियन ग्रहों का पता लगाया है।
अंतरिक्ष यान ने 'ट्रांजिट पद्धति' के जरिये ग्रहों का पता लगाया है। इस तकनीक के लिए अत्यधिक सटीक 'प्वाइंटिंग' की जरूरत होती है, जिस क्षमता को केपलर ने मई, 2013 में खो दिया था। हालांकि केपलर टीम ने शीघ्र ही दूरबीन को स्थिर कर दिया।
स्पेस डॉट कॉम की खबर के मुताबिक अंतरिक्ष यान ग्रहों और अन्य अंतरिक्षीय पिंडों की खोज के लिए अंतरिक्ष के विभिन्न हिस्सों में करीब 80 दिनों तक नजर रख सका। एरीजोना विश्वविद्यालय के एक खगोलविद इयान क्रॉसफील्ड ने बताया कि प्रथम पांच के-2 अभियानों में 100 से अधिक प्रमाणित ग्रहों का पता चला।
गौरतलब है कि केपलर को मार्च, 2009 में प्रक्षेपित किया गया था, जिसका उद्देश्य समूचे आकाशगंगा में पृथ्वी जैसे ग्रहों का पता लगाना है। यह अभियान सफल रहा है अब तक 1,000 से अधिक एलियन ग्रहों का पता चला है।
अंतरिक्ष यान ने 'ट्रांजिट पद्धति' के जरिये ग्रहों का पता लगाया है। इस तकनीक के लिए अत्यधिक सटीक 'प्वाइंटिंग' की जरूरत होती है, जिस क्षमता को केपलर ने मई, 2013 में खो दिया था। हालांकि केपलर टीम ने शीघ्र ही दूरबीन को स्थिर कर दिया।
स्पेस डॉट कॉम की खबर के मुताबिक अंतरिक्ष यान ग्रहों और अन्य अंतरिक्षीय पिंडों की खोज के लिए अंतरिक्ष के विभिन्न हिस्सों में करीब 80 दिनों तक नजर रख सका। एरीजोना विश्वविद्यालय के एक खगोलविद इयान क्रॉसफील्ड ने बताया कि प्रथम पांच के-2 अभियानों में 100 से अधिक प्रमाणित ग्रहों का पता चला।
गौरतलब है कि केपलर को मार्च, 2009 में प्रक्षेपित किया गया था, जिसका उद्देश्य समूचे आकाशगंगा में पृथ्वी जैसे ग्रहों का पता लगाना है। यह अभियान सफल रहा है अब तक 1,000 से अधिक एलियन ग्रहों का पता चला है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं