वाशिंगटन:
हमारे सौरमंडल से बाहर स्थित हजारों ग्रह खोजने वाले नासा के टेलीस्कोप केपलर को धरती से संपर्क तोड़ने का अंतिम निर्देश मिल गया है. केपलर ने बताया था कि हमारी आकाशगंगा में तारों से ज्यादा ग्रह हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार की रात एक बयान में कहा, "गुडनाइट निर्देशों से अंतरिक्ष यान की सेवानिवृत्ति का अंतिम निर्धारण होता है जो 30 अक्टूबर को नासा की उस घोषणा से शुरू हुआ था कि केपलर का ईंधन खत्म हो गया है और वह अब और सर्वेक्षण नहीं कर सकता." संयोग से केपलर को आराम करने का निर्देश इसी नाम के जर्मन खगोलविद् जोहानिस केपलर की 388वीं जयंती के मौके पर मिला है.
जोहानिस केपलर ने ग्रहों की गति के नियम की खोज की थी. उनका निधन 15 नवंबर, 1630 को हो गया था. टेलीस्कोप केपलर के कारण ही पता चल सका कि हमारे सौरमंडल से बाहर भी कई दुनिया मौजूद हैं. नासा ने कहा, "शोध के दौरान हमने पाया कि हमारी आकाशगंगा में तारों से ज्यादा ग्रह हैं."
बृहस्पति के चंद्रमा 'यूरोपा' पर जीवन की तलाश हुई और मुश्किल, 15 मीटर ऊंची बर्फ की धारियों के होने की संभावना
अंतरिक्षयान सूर्य से चारों तरफ पृथ्वी से 9.4 करोड़ मील दूर एक सुरक्षित कक्षा में चक्कर काट रहा है. छह मार्च 2009 को लॉन्च किए गए केपलर टेलीस्कोप में 'कटिंग-एज' तकनीक, तारकीय चमक और उस समय का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा लगाया गया था, ताकि अंतरिक्ष से बाहर का नजारा देखा जा सके.
केपलर का अधिक उन्नत संस्करण 'ट्रांजिटिंग एक्जोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट' (टीईएसएस) इस वर्ष अप्रैल में लॉन्च किया गया था.
VIDEO: ब्रह्मांड की सबसे ठंडी जगह बनाने में जुटे वैज्ञानिक...
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जोहानिस केपलर ने ग्रहों की गति के नियम की खोज की थी. उनका निधन 15 नवंबर, 1630 को हो गया था. टेलीस्कोप केपलर के कारण ही पता चल सका कि हमारे सौरमंडल से बाहर भी कई दुनिया मौजूद हैं. नासा ने कहा, "शोध के दौरान हमने पाया कि हमारी आकाशगंगा में तारों से ज्यादा ग्रह हैं."
बृहस्पति के चंद्रमा 'यूरोपा' पर जीवन की तलाश हुई और मुश्किल, 15 मीटर ऊंची बर्फ की धारियों के होने की संभावना
अंतरिक्षयान सूर्य से चारों तरफ पृथ्वी से 9.4 करोड़ मील दूर एक सुरक्षित कक्षा में चक्कर काट रहा है. छह मार्च 2009 को लॉन्च किए गए केपलर टेलीस्कोप में 'कटिंग-एज' तकनीक, तारकीय चमक और उस समय का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा लगाया गया था, ताकि अंतरिक्ष से बाहर का नजारा देखा जा सके.
केपलर का अधिक उन्नत संस्करण 'ट्रांजिटिंग एक्जोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट' (टीईएसएस) इस वर्ष अप्रैल में लॉन्च किया गया था.
VIDEO: ब्रह्मांड की सबसे ठंडी जगह बनाने में जुटे वैज्ञानिक...
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं