प्रतीकात्मक चित्र
वॉशिंगटन:
नासा को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. वैज्ञानिकों के अनुसार नासा ने एक दुर्लभ ग्रह की खोज की है. दुनिया के तीन सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के नए पर्यवेक्षणों से खुलासा हुआ है कि पिछले साल खोजा गया क्षुद्र ग्रह असल में दो पिंड है, जिनके आकार नौ - नौ सौ मीटर के करीब हैं और वे एक - दूसरे की कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में कहा कि पिछले साल दिसंबर में मोरक्को औकेमेडेन स्काई सर्वे की ओर से मुहैया कराई गई जानकारियों से ‘2017 वाईई 5’ नाम का एक क्षुद्र ग्रह खोजा गया था जो पृथ्वी के करीब है.
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हालांकि , जून तक इस क्षुद्रग्रह के भौतिक गुणों के बारे में विस्तृत रूप में पता नहीं था. पृथ्वी के पास का यह सिर्फ चौथा समान द्रव्यमान वाला क्षुद्रग्रह है जिसमें लगभग एक समान आकार वाले दो पिंड हैं और दोनों एक - दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं. नासा के मुताबिक , नए पर्यवेक्षणों में ऐसे क्षुद्रग्रह की अब तक की सबसे विस्तृत तस्वीरें सामने आई हैं. बीते 21 जून को ‘2017 वाईई 5’ पृथ्वी के अब तक के सबसे करीब आया था.
VIDEO: नासा के नाम पर ठगी करना पड़ा महंगा.
कम से कम अगले 170 साल में वह पृथ्वी के इतना करीब नहीं आ सकेगा. जून में यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 60 लाख किलोमीटर की दूरी के दायरे में आ गया था. बीते 21 और 22 जून को नासा के गोल्डस्टोन सौर प्रणाली राडार ने कैलिफोर्निया में पहली बार दर्शाया कि यह ‘2017 वाईई 5’ एक बाइनरी प्रणाली हो सकती है जिसमें दो पिंड हैं. बाद में दोनों पिंडों ने एक दूसरे की परिक्रमा की जिससे इसके विशेष पहलू पर नजर पड़ी. (इनपुट भाषा से)
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हालांकि , जून तक इस क्षुद्रग्रह के भौतिक गुणों के बारे में विस्तृत रूप में पता नहीं था. पृथ्वी के पास का यह सिर्फ चौथा समान द्रव्यमान वाला क्षुद्रग्रह है जिसमें लगभग एक समान आकार वाले दो पिंड हैं और दोनों एक - दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं. नासा के मुताबिक , नए पर्यवेक्षणों में ऐसे क्षुद्रग्रह की अब तक की सबसे विस्तृत तस्वीरें सामने आई हैं. बीते 21 जून को ‘2017 वाईई 5’ पृथ्वी के अब तक के सबसे करीब आया था.
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कम से कम अगले 170 साल में वह पृथ्वी के इतना करीब नहीं आ सकेगा. जून में यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 60 लाख किलोमीटर की दूरी के दायरे में आ गया था. बीते 21 और 22 जून को नासा के गोल्डस्टोन सौर प्रणाली राडार ने कैलिफोर्निया में पहली बार दर्शाया कि यह ‘2017 वाईई 5’ एक बाइनरी प्रणाली हो सकती है जिसमें दो पिंड हैं. बाद में दोनों पिंडों ने एक दूसरे की परिक्रमा की जिससे इसके विशेष पहलू पर नजर पड़ी. (इनपुट भाषा से)