मुंबई हमले के साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी ने उसे लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखे जाने को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि सरकार ने उसे ‘गैरकानूनी आधार’ पर हिरासत में रखा है।
लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा, ‘हमने लखवी की हिरासत को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सरकार ने गैरकानूनी आधार पर उसे हिरासत में लिया है। सुनवाई अदालत से जमानत मिलने के बाद सरकार के पास इसका कोई आधार नहीं था कि लखवी को लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश के तहत हिरासत में रखा जाए।’
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश नूरूल हक कुरैशी ने लखवी की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन मुकर्रर किया है। सरकार ने बीती 14 जनवरी को मुंबई हमले के मामले को बिना कोई कारण दिए आतंकवाद विरोधी अदालत (1) से हाल ही में स्थापित आतंकवाद विरोधी अदालत (2) के सुपुर्द कर दिया था।
पिछले साल 18 दिसंबर को सुनवाई अदालत ने 54 वर्षीय लखवी को जमानत दे दी थी लेकिन अगले ही दिन उसे लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (एमपीओ) के तहत हिरासत में ले लिया गया था। बाद में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लखवी की हिरासत को ‘कमजोर कानूनी आधार’ का हवाला देते हुए निलंबित कर दिया। रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल से रिहाई से ठीक पहले लखवी को साल 2009 में एक अफगान नागरिक के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
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