शिकागो:
अमेरिकी अभियोजकों ने 2008 में मुम्बई में हुए भीषण आतंकी हमलों के मामले में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के चार और लोगों को आरोपी बनाया है जिनमें से एक मेजर इकबाल को पाक सेना का अधिकारी माना जाता है। संघीय अभियोजकों द्वारा सोमवार को एक अदालत में अलग से दायर दूसरे आरोप पत्र में आरोपी बनाए गए अन्य तीन लोगों की पहचान साजिद मीर मजहर इकबाल और अबू कहाफा के रूप में हुई है। इनके अतिरिक्त एक अज्ञात व्यक्ति लश्कर सदस्य डी को भी आरोपी बनाया गया है। ये सभी लोग पाकिस्तान के रहने वाले हैं। अमेरिकी अभियोजकों द्वारा आरोपी बनाया गया मेजर इकबाल पाकिस्तानी सेना का अधिकारी माना जाता है। भारत द्वारा फरवरी 2010 में पाकिस्तान को सौंपे गए एक डोजियर में मुम्बई हमलों में संदिग्ध भूमिका के लिए पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों मेजर इकबाल और मेजर समीर अली का नाम था। डोजियर भारत-पाकिस्तान के बीच 25 फरवरी 2010 को नई दिल्ली में हुई विदेश सचिव स्तर की बातचीत के दौरान सौंपा गया था। माना जाता है कि मुम्बई हमलों में मेजर इकबाल की भूमिका के बारे में उस समय पता चला जब एफबीआई ने शिकागो में अक्तूबर 2009 में गिरफ्तार डेविड हेडली से पूछताछ की। जिन चार लोगों की पहचान हुई है उनका पूर्व में उल्लेख था लेकिन उस आरोप पत्र में इनका नाम नहीं था जिसके तहत पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली और पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को मुम्बई हमलों के सिलसिले में आरोपी बनाया गया था। मुम्बई हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी थे। अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक साजिद मीर लश्कर से जुड़ा था और इस आतंकवादी संगठन तथा दूसरे संगठनों के बीच के संबंधों की निगरानी करता था। उसने हेडली के सहयोगी की भूमिका निभाई थी। मुंबई हमलों से जुड़ी अपनी भूमिका को हेडली पहले ही स्वीकार कर चुका है। अबू कहाफा का ताल्लुक भी लश्कर से है। वह लश्कर के प्रशिक्षण शिविर में आतंकवादियों को हमलों के लिए आधुनिक तकनीक के गुर सिखाता था। दूसरी ओर मजहर इकबाल और लश्कर सदस्य डी इस पाकिस्तानी आतंकी संगठन का स्वयंभू कमांडर हैं। अभियोजकों का कहना है कि मेजर इकबाल नामक शख्स ने मुंबई हमले की साजिश रचने और वित्तीय मदद देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साजिद, कहाफा और मजहर ने हेडली, लश्कर सदस्य डी और अन्य के साथ मिकलर पूरी साजिश रची थी। अदालत में लगाये गये अभियोग के मुताबिक इन लोगों ने बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान करने के मकसद से यह पूरी साजिश रची। अदालती दस्तावेजों में कहा गया है कि फरवरी, 2009 में अब्दुर रहमान हाशिम सैयद नामक एक शख्स हेडली को लेकर पाकिस्तान के वजीस्तिान इलाके में गया था। वहां हेडली और इलियास कश्मीरी की मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात के दौरान कश्मीरी ने कहा कि उसने हेडली द्वारा तैयार कोपेहेगन वीडियो की समीक्षा की है। उसने हेडली को सलाह दी कि पैगम्बर का कार्टून प्रकाशित करने वाले समाचार पत्र के दफ्तर पर ट्रक में लदे विस्फोटकों से हमले किए जाएं। उल्लेखनीय है कि हेडली और राणा को डेनिस अखबार पर भी हमले की साजिश का आरोपी बनाया है। अभियोजकों के मुताबिक हेडली लश्कर से जुड़ा था और उसने इसके शिविर में प्रशिक्षण लिया। उसने लश्कर के शिविर का फरवरी, 2002, अगस्त, 2002, अप्रैल, 2003 और दिसंबर, 2003 में दौरा किया था। इस दौरान उसने लश्कर के सरगनाओं के साथ मिलकर आतंकवादी हमलों की साजिश रची थी। मुंबई हमले की साजिश के क्रम में साजिद मीर, अबू कहाफा और लश्कर सदस्य डी ने हेडली को सलाह दी थी कि वह भारत जाकर उन स्थानों की टोह ले जहां आतंकी हमले किये जा सकते हैं। साजिश रचने की शुरुआत वर्ष 2005 में हुई थी। लश्कर के इन सदस्यों ने हेडली को यह भी सलाह दी कि वह भारत में पाकिस्तान से जुड़ी अपनी पहचान के साथ ही अपने मुस्लिम होने को छिपाये। अभियोजकों का कहना है कि इस नसीहत के बाद वर्ष 2006 में हेडली दाउद गिलानी से डेविड कोलमैन हेडली हो गया। इसके लिए उसने फिलाडेल्फिया में जरूरी कागजी कार्रवाई भी पूरी की। लश्कर सदस्यों ने हेडली को सलाह दी कि वह मुंबई में आव्रजन कार्यालय खोले ताकि प्रमुख स्थानों की टोह ली जा सके। हेडली भारत में खुद को अमेरिकी नागरिक बताता था। जून, 2006 में हेडली ने शिकागो का दौरा किया और राणा को अपने साथ लिया। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा की मदद से ही हेडली ने मुंबई में आव्रजन कार्यालय की बुनियाद रखी।
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