कोझिकोड में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते पीएम मोदी (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के विदेश सचिव ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ताजा बयान किसी देश द्वारा किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से संबंधित संयुक्त राष्ट्र और सभी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने टीवी चैनल डॉन न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की.
पीएम मोदी द्वारा शनिवार को केरल में पाकिस्तान की निंदा किए जाने और उसे एक आतंकवादी देश के रूप में अलग-थलग करने की धमकी का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि कश्मीर विवाद से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों में पाकिस्तान को एक पक्ष माना गया और भारत ने भी इसको मान्यता दी हुई है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन, पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का भारत का कोई औचित्य नहीं है.' चौधरी ने कहा कि शीर्ष राजनीतिक स्तर पर इस तरह का गैर-जिम्मेदराना व्यवहार खेदजनक है. विदेश सचिव ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि यह एक हताशा भरी कार्रवाई है. भारत कश्मीर में वहां के लोगों पर अपने सुरक्षा बलों के अत्याचार से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है.'
चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान पर आरोप मढ़ते हुए भारत अपने सरकारी तंत्र के जरिए लगातार पाकिस्तान में प्रत्यक्ष तौर पर आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. इस बीच वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी का मानना है कि मोदी के बयान कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत की घबराहट को दर्शाते हैं.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जिलानी ने कहा कि भारत के नेता कूटनीति की भाषा भूल गए हैं. जिलानी ने कहा कि कश्मीर की स्थिति को जिम्मेदार और यथार्थवादी प्रतिक्रिया की जरूरत है, लेकिन भारत बेहद गैर जिम्मेदाराना ढंग से व्यवहार कर रहा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीएम मोदी द्वारा शनिवार को केरल में पाकिस्तान की निंदा किए जाने और उसे एक आतंकवादी देश के रूप में अलग-थलग करने की धमकी का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि कश्मीर विवाद से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों में पाकिस्तान को एक पक्ष माना गया और भारत ने भी इसको मान्यता दी हुई है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन, पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का भारत का कोई औचित्य नहीं है.' चौधरी ने कहा कि शीर्ष राजनीतिक स्तर पर इस तरह का गैर-जिम्मेदराना व्यवहार खेदजनक है. विदेश सचिव ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि यह एक हताशा भरी कार्रवाई है. भारत कश्मीर में वहां के लोगों पर अपने सुरक्षा बलों के अत्याचार से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है.'
चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान पर आरोप मढ़ते हुए भारत अपने सरकारी तंत्र के जरिए लगातार पाकिस्तान में प्रत्यक्ष तौर पर आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. इस बीच वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी का मानना है कि मोदी के बयान कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत की घबराहट को दर्शाते हैं.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जिलानी ने कहा कि भारत के नेता कूटनीति की भाषा भूल गए हैं. जिलानी ने कहा कि कश्मीर की स्थिति को जिम्मेदार और यथार्थवादी प्रतिक्रिया की जरूरत है, लेकिन भारत बेहद गैर जिम्मेदाराना ढंग से व्यवहार कर रहा है.
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