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This Article is From Jan 23, 2013

ब्रिटेन : भारतीय मूल के लापता छात्र सौविक पाल का शव मिला

ब्रिटेन : भारतीय मूल के लापता छात्र सौविक पाल का शव मिला
लंदन: ब्रिटेन में नववर्ष की पूर्व संध्या पर लापता हुआ एक भारतीय छात्र मृत पाया गया है। पुलिस ने मैनचेस्टर यूनाइटेड क्लब के फुटबॉल ग्राउंड के नजदीक स्थित एक नहर से उसका शव बरामद किया।

सौविक पॉल कोलकाता का रहने वाला था। वह मैनचेस्टर शहर में एक नाइट क्लब में नववर्ष की पूर्व संध्या पर जश्न मनाते समय अपने मित्रों से अलग हो गया था और तभी से लापता था।

विशेष अधिकारियों ने स्थानीय समयानुसार 2 बजे सौविक का शव मैनचेस्टर यूनाइटेड के ओल्ड ट्रैफर्ड फुटबॉल ग्राउंड के नजदीक स्थित ब्रिजवाटर नहर से बरामद किया। सौविक मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी में में प्रोडक्ट डिजाइन की पढ़ाई कर रहा था ।

उसे नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात करीब 11 बजे अंतिम बार देखा गया था। अगली सुबह उसके एक साथी ने उसके लापता होने की खबर दी। सोविक कैम्ब्रिज स्ट्रीट स्थित कैवेंडिश हॉल्स में रहता था।

ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सौविक के परिवार को सूचना दे दी गई है और अधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं। पुलिस ने सौविक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और मदद का आश्वासन दिया।

खुफिया निरीक्षक कोलिन ने कहा, दुख की इस घड़ी में हमारी संवेनाएं सौविक के परिवार के साथ हैं और हमारे अधिकारी उनकी मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमें सौविक की मौत के इर्द-गिर्द कोई संदेहजनक परिस्थिति नजर नहीं आती और हम मौत के कारणों की जांच कर रहे अधिकारी के समक्ष फाइल पेश करेंगे।

सौविक का अभी पोस्टमॉर्टम होना है। उसके पिता शांतनु खोज में मदद के लिए भारत से ब्रिटेन आए थे। उनके बेटे की खोज के लिए कई अपील की गई थीं और लिवरपूल के खिलाफ मैनचेस्टर यूनाइटेड के घरेलू प्रीमियर लीग फुटबॉल मैच के दौरान डिजिटल विज्ञापन होर्डिंग भी लगाए गए थे। पढ़ाई करने ब्रिटेन गए सोविक ने स्टेडियम में जलपान वितरण की अंशकालिक नौकरी के लिए प्रशिक्षण लिया था और वेस्ट ब्रोमविच अलबिनो के खिलाफ 29 दिसंबर को मैनचेस्टर यूनाइटेड के खेल के दौरान काम किया था।

गृह मामलों की प्रवर समिति के अध्यक्ष कीथ वाज पिछले हफ्ते शांतनु पॉल से मिलने मैनचेस्टर गए थे।

लेबर पार्टी के सांसद ने कहा, मैंने पॉल से बात की और हम इन सब घटनाक्रमों से अवगत हैं, पिछले 22 दिन उनके लिए बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। मैं मामले में कड़ी मेहनत करने के लिए पुलिस को धन्यवाद देना चाहता हूं, हर किसी ने काफी काम किया है। शांतनु ने पूर्व में कहा था कि उनका बेटा ‘मेधावी छात्र’ था, जिसे यूनिवर्सिटी के कुलपति ने छात्रवृत्ति प्रदान की थी।

सौविक को लंदन और सिंगापुर के विश्वविद्यालयों ने अपने यहां दाखिला देने की पेशकश की थी, लेकिन उसने ‘अच्छी सुविधाओं’ को ध्यान में रख मैनचेस्टर को चुना।

शांतनु ने कहा, हर कोई उसे (सौविक) मित्र बनाना चाहता था और वह मैनचेस्टर में जीवन का लुत्फ उठा रहा था। हमें यह उसके मित्रों ने बताया। इससे पहले वह कभी भारत से बाहर नहीं गया था।

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