इजरायली एयरफोर्स (IAF) ने रविवार को लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर कई सटीक हमले किए, जिससे इजरायली अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर हमले को विफल कर दिया. स्थानीय समयानुसार सुबह 5 बजे शुरू हुए ये हमले इज़रायल की उत्तरी सीमा पर हिज़्बुल्लाह के बढ़ते ख़तरे को बेअसर करने के उद्देश्य से किए गए सैन्य अभियान का हिस्सा थे. इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने ऑपरेशन का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "लेबनान में हमारे अभियान ने आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया जिसका उपयोग हिजबुल्लाह हमारे खिलाफ करने की योजना बना रहा था, जिससे इजरायली परिवारों और घरों की रक्षा हुई."
WATCH how the IAF acted precisely today to stop a large-scale terrorist attack from Hezbollah.
— Israel Defense Forces (@IDF) August 25, 2024
Our operation in Lebanon targeted the terrorist infrastructure Hezbollah planned to use against us, protecting Israeli families and homes. pic.twitter.com/2J3sqAnFWB
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि सैन्य कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है. नेतन्याहू ने कहा, "हम हिजबुल्लाह पर आश्चर्यजनक, विनाशकारी प्रहार कर रहे हैं." "यह उत्तर में स्थिति को बदलने और हमारे निवासियों को सुरक्षित रूप से उनके घरों में वापस लाने की दिशा में एक और कदम है और, मैं दोहराता हूं, यह अंतिम शब्द नहीं है."
नेतन्याहू ने ऑपरेशन की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेना ने हजारों कम दूरी के रॉकेट नष्ट कर दिए हैं, जिनका उद्देश्य इजरायल के गैलिली क्षेत्र में नागरिकों और सेना को नुकसान पहुंचाना था. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि आईडीएफ ने हिजबुल्लाह द्वारा मध्य इजरायल में एक रणनीतिक लक्ष्य पर लॉन्च किए गए सभी ड्रोन को रोक दिया था, जिसे इजरायली मीडिया ने अपनी जासूसी एजेंसी मोसाद का मुख्यालय बताया था.
100 से ज़्यादा इज़रायली युद्धक विमानों ने दक्षिणी लेबनान में हज़ारों हिजबुल्लाह मिसाइल लांचरों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में हिस्सा लिया. ये हमले इज़रायली अधिकारियों द्वारा बताई गई "सटीक खुफिया जानकारी" पर आधारित थे, जो यह संकेत देते थे कि हिजबुल्लाह उत्तरी इज़रायल पर बड़े पैमाने पर मिसाइल हमला करने की फिराक में था, साथ ही प्रमुख खुफिया केंद्रों पर ड्रोन हमले भी करने वाला था.
हमलों के तुरंत बाद, इज़रायल ने 48 घंटे की आपात स्थिति घोषित कर दी थी और अपने मुख्य हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था, जिसके कारण कई उड़ानें रद्द हो गईं थी. हिजबुल्लाह की जवाबी कार्रवाई के बावजूद, जिसमें इज़रायल पर 300 से अधिक प्रोजेक्टाइल दागे गए, नुकसान बहुत कम हुआ है. इज़रायली अधिकारियों ने बताया कि मलबे के गिरने से एक सैनिक की मौत हो गई, जबकि लेबनान में तीन लोगों की मौत की सूचना मिली है.
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