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This Article is From Dec 12, 2016

जानिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार के बारे में....

जानिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार के बारे में....
इस्लामाबाद: खुफिया मामलों के अनुभवी लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार को पाकिस्तान की ताकतवर जासूसी एजेंसी आईएसआई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है. यह कवायद नए सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की देश के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सेना पर पकड़ मजबूत करने के लिए किए गए पहले बड़े फेरबदल का हिस्सा है.

सेना के शीर्ष स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए बाजवा ने इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रिजवान अख्तर को एकाएक हटा दिया और उनकी जगह आईएसआई की कमान मुख्तार को सौंप दी. उन्होंने कई और बदलाव भी किए हैं.

रिजवान अख्तर डॉन अखबार में छपी एक खबर के बाद से विवादों के केंद्र में आ गए थे. इस खबर में कहा गया था कि नवाज शरीफ सरकार ने सेना से कहा है कि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे अन्यथा देश अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ जाएगा. उन्हें नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) का अध्यक्ष बनाया गया है. शुरुआत में सेना ने घोषणा की थी कि आईएसआई के वर्तमान प्रमुख को हटा दिया गया है और उन्हें एनडीयू का अध्यक्ष बना दिया गया है. देर रात आईएसआई के नए प्रमुख के नाम की घोषणा भी कर दी गई.

आईएसआई के नए प्रमुख के पास खुफिया क्षेत्र का व्यापक अनुभव है और इस्लामाबाद में वह जासूसी एजेंसी की आतंकवाद निरोधक इकाई के प्रमुख रह चुके हैं. उन्हें वर्ष 1983 में आर्मर्ड कॉर्प्स रेजिमंड की कमान दी गई थी. तकनीकी रूप से देखा जाए तो आईएसआई को प्रधानमंत्री के प्रति जवाबदेह होना चाहिए और इसके प्रमुख की नियुक्ति भी उनके द्वारा ही की जानी चाहिए लेकिन खुफिया एजेंसी के प्रमुख को नियुक्त करने का विशेषाधिकार धीरे-धीरे सैन्य प्रमुख के हाथों में चला गया. माना जाता है कि आईएसआई के नए प्रमुख को आम सरकार और सैन्य नेतृत्व का भरोसा हासिल है और वह दोनों के बीच मतभेदों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं.

आजादी के बाद से पाकिस्तान के लगभग 70 साल के इतिहास में से आधे से भी ज्यादा समय तक देश की बागडोर सेना के हाथ में रही है.

सेना की ओर से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक, शीर्ष स्तर पर किए गए प्रमुख बदलावों में, हाल ही में पदोन्नत किए गए लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबरको चीफ ऑफ जनरल स्टॉफ़ नियुक्त किया जाना तथा लेफ्टिनेंट जनरल नजीर बट को पेशावर का कॉर्प्स कमांडर (11 कॉर्प्स) नियुक्त किया जाना शामिल है.

इन नियुक्तियों को नए सैन्य प्रमुख बाजवा की 'नई टीम' को लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. बाजवा गत 29 नवंबर को पाकिस्तान के 16वें सैन्य प्रमुख बने थे. उन्होंने शुरुआत बलोच रेजिमेंट के इंफेंटरी अफसर के रूप में की थी. माना जाता है कि उनके पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से संबंधित मामलों और पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों का व्यापक अनुभव है.

नए सैन्य प्रमुख ने इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस और सिंध के रेंजर्स के प्रमुख के नामों की घोषणा नहीं की है. अधिकारियों का कहना है कि "राजनीतिक रूप से संवेदनशील इन नियुक्तियों" पर फैसला लेने से पहले वह राजनीतिक नेतृत्व से सलाह मशविरा करेंगे. किसी समय अटकलें थीं कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मुख्तार को आईएसआई प्रमुख बनाना चाहते हैं लेकिन तत्कालीन सैन्य प्रमुख राहील शरीफ ने उनके इस कदम का विरोध किया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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