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This Article is From Apr 25, 2015

नेपाल में आए भयंकर भूकंप से भारी तबाही, 1500 से ज्यादा लोगों की मौत


नेपाल में 7.9 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से करीब 1,500 लोगों की मौत हो गई और एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल तथा राजधानी में सदियों पुरानी धरहरा मीनार सहित कई प्रमुख इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं। यह बीते 80 वर्षों का सबसे भयावह भूकंप था।

भूकंप का केंद्र काठमांडू से उत्तर पश्चिम में करीब 80 किलोमीटर दूर लामजुंग में था और बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के कई शहरों में भी इसका असर महसूस किया गया। चीन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी भूकंप महसूस किया गया।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा है कि भूकंप की तीव्रता 7.9 आंकी गई और इसके बाद 4.5 या इससे अधिक तीव्रता के कम से कम 16 झटके महसूस किए गए।
After Nepal Earthquake, Prime Minister Narendra Modi Calls Emergency Meet: 10 Developments 
नेपाल के वित्तमंत्री राम शरण महत ने ट्वीट किया, 'सेना का अनुमान है कि अब तक 1457 लोगों की मौत हो चुकी है।' नेपाली गृह मंत्रालय के अनुसार भक्तपुर में 150, ललितपुर में 67 और धदिंग जिले में 37 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा देश के पूर्वी हिस्से में 20 लोग, पश्चिमी क्षेत्र में 33 लोगों की मौत हुई। काठमांडू में भूकंप के कारण भारी नुकसान हुआ है। यहां कई और भवनों इमारतें गिरने के कारण कई सड़कें धंस गई और कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। भूकंप के कारण काठमांडू एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि काठमांडू में मोबाइल सर्विस पर भी भूकंप का बुरा असर पड़ा है।

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नेपाल में कई मंदिर ध्वस्त हो गए, लेकिन चमत्कारिक ढंग से पांचवीं सदी के पशुपतिनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। काठमांडू घाटी की अधिकांश इमारतें ध्वस्त हो गईं जिनमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। दो सौ साल पुरानी धरहरा मीनार के मलबे से कम से कम 180 शवों को निकाला गया है।

नेपाल में सामने आई वीडियो फुटेज में कई इमारतों को ढहते हुए दिखाया गया है और कई इमारतों में दरारें आ गई हैं। भूकंप के कारण सड़कों पर बड़े गड्ढे हो गए हैं।

भूकंप के कारण यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शुमार काठमांडो का दरबार चौक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता कमल सिंह बान ने बताया कि सबसे पहले दिन में 11 बजकर 56 मिनट पर भूकंप आया और इसके कई झटके महसूस किए गए।

सेना, पुलिस और आपात सेवा के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटे हुए हैं। भारतीय दूतावास के प्रवक्ता अभय कुमार ने बताया कि भूकंप की वजह से कुछ दीवारें ध्वस्त हो गयीं और दूतावास ने दो हेल्पलाइन शुरू की है। पहला हेल्पलाइन नंबर 977-98551107021 और दूसरा नंबर 977- 9851135141 है। आपात चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भारत से 50 चिकित्सक पहुंच गए हैं।000_del6409249.jpg
काठमांडू में भारतीय दूतावास परिसर में स्थित एक मकान के ढहने से दूतावास के एक कर्मचारी की बेटी की मौत हो गई तथा उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई।

भारत के करीब 125 लोग नेपाल में फंसे हुए हैं। नासिक के करीब 80 लोग धार्मिक यात्रा पर गए थे और 15-20 लोग ट्रैकिंग के लिए गए थे। हैदराबाद के 25 पर्यटक नेपाल पहुंचे हैं जो सुरक्षित हैं।

नेपाल के अस्पताल भूकंप में घायल हुए लोगों से भरे पड़े हैं। बहुत सारे घायलों का उपचार अस्पतालों के बाहर खुले में किया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट की आपात बैठक में भूकंप से प्रभावित 29 जिलों को संकटग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
More Than 650 Killed in Massive Nepal Earthquake; Tremors in North India
भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ जिसके कारण पर्वतारोहियों को बचने के सुरक्षित स्थान की ओर भागना पड़ा। पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी ज्ञानेंद्र श्रेष्ठ ने कहा कि हिमस्खलन के कारण विदेशी पर्वतारोहियों सहित 10 लोगों की मौत हो गई।

नेपाल के एक मंत्री ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास जबरदस्त नुकसान हुआ है। सूचना मंत्री मिनेंद्र रिजल ने बताया, ‘हमें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहयोग की जरूरत है जिन्हें ज्यादा जानकारी है और जो इस तरह की आपात स्थिति से निपट सकती हैं।’ शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 7.5 आंकी गयी बाद में इसकी तीव्रता 7.9 बतायी गई और इसकी गहराई 15 किलोमीटर नीचे थी।

नेशनल रेडियो ने लोगों को बाहर रहने को कहा है क्योंकि अभी कई झटके आने की आशंका है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है।

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