रोम:
भावुकता से भरे इटली के रक्षामंत्री गियामपाओलो दी पाओला ने कहा कि भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत भेजे गए दोनों इतालवी मरीन्स अपनी इच्छा से वापस गए हैं।
दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी मरीन्स-मस्सीमिलानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने, को मुकदमे का सामना करने के लिए 22 मार्च को भारत भेजा गया। चुनाव में मतदान के लिए वापस आए मरीन्स को रोम ने भारत वापस भेजने से इनकार कर दिया था, लेकिन कूटनीतिक नोंक-झोंक के बाद इटली ने उन्हें वापस भेज दिया।
भारत ने रोम द्वारा मरीन्स को वापस नहीं भेजने का निर्णय लेने पर उनके राजदूत के देश छोड़ने पर रोक लगा दी। इसी क्रम में आगे इटली के विदेशमंत्री जूलियो टैरजी ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि मरीन को वापस नहीं भेजने की उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया।
इटली की संवाद समिति एएनएसए की खबर के अनुसार, रक्षामंत्री इतालवी वायुसेना की 90वीं जयंती पर नेपल्स में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। समारोह के दौरान बोलते हुए उनका गला रूंध गया और आंखों में आंसू आ गए।
उन्होंने मीडिया में आई इन खबरों को खारिज किया कि मरीन्स मुकदमे का सामना करने के लिए भारत वापस नहीं जाना चाहते थे।
संवाद समिति ने रक्षामंत्री के हवाले से कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि मस्सीमिलानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने को इस निर्णय के लिए राजी होने में पांच घंटे लगे। वह सिर्फ आदेश का पालन नहीं कर रहे थे, बल्कि अपना कर्तव्य और दायित्व भी निभा रहे थे। उन्होंने अपने शब्दों का सम्मान किया।’’
रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने दर्द के बावजूद अपनी वर्दी का सम्मान किया, उन्होंने अपनी और अपने परिवार की भावनाओं को भी पीछे छोड़ दिया।’’
दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी मरीन्स-मस्सीमिलानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने, को मुकदमे का सामना करने के लिए 22 मार्च को भारत भेजा गया। चुनाव में मतदान के लिए वापस आए मरीन्स को रोम ने भारत वापस भेजने से इनकार कर दिया था, लेकिन कूटनीतिक नोंक-झोंक के बाद इटली ने उन्हें वापस भेज दिया।
भारत ने रोम द्वारा मरीन्स को वापस नहीं भेजने का निर्णय लेने पर उनके राजदूत के देश छोड़ने पर रोक लगा दी। इसी क्रम में आगे इटली के विदेशमंत्री जूलियो टैरजी ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि मरीन को वापस नहीं भेजने की उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया।
इटली की संवाद समिति एएनएसए की खबर के अनुसार, रक्षामंत्री इतालवी वायुसेना की 90वीं जयंती पर नेपल्स में आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। समारोह के दौरान बोलते हुए उनका गला रूंध गया और आंखों में आंसू आ गए।
उन्होंने मीडिया में आई इन खबरों को खारिज किया कि मरीन्स मुकदमे का सामना करने के लिए भारत वापस नहीं जाना चाहते थे।
संवाद समिति ने रक्षामंत्री के हवाले से कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि मस्सीमिलानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने को इस निर्णय के लिए राजी होने में पांच घंटे लगे। वह सिर्फ आदेश का पालन नहीं कर रहे थे, बल्कि अपना कर्तव्य और दायित्व भी निभा रहे थे। उन्होंने अपने शब्दों का सम्मान किया।’’
रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने दर्द के बावजूद अपनी वर्दी का सम्मान किया, उन्होंने अपनी और अपने परिवार की भावनाओं को भी पीछे छोड़ दिया।’’
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