लंदन:
मेमोगेट कांड को उजागर करने वाले पाकिस्तानी अमेरिकी व्यापारी मंसूर एजाज ने कहा कि वह न्यायिक आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए इस्लामाबाद नहीं आएंगे और चाहते हैं कि उनका बयान लंदन या ज्यूरिख से ही दर्ज किया जाए।
पाकिस्तान में गत वर्ष तख्तापलट के डर से अमेरिकी मदद मांगने संबंधी एक गुप्त मेमो को सार्वजनिक करके सरकार और देश की शक्तिशाली सेना में तनाव की स्थिति पैदा करने वाले एजाज ने एक बयान में कहा कि उनकी इच्छा लंदन या ज्यूरिख में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग के समक्ष गवाही देने की है। एजाज के वकील अकरम शेख के मुताबिक पाकिस्तानी अमेरिकी व्यापारी ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार की ओर से किसी व्यक्ति ने उन्हें गिरफ्तारी के खिलाफ सुरक्षा का आश्वासन नहीं दिया है।
शेख ने मीडिया से कहा, ‘‘लगता है आयोग के समक्ष गवाही के बाद मंसूर एजाज को पाकिस्तान में पकड़ने के लिए निश्चिय ही एक सुनियोजित जाल बनाया गया है। इसलिए मंसूर एजाज ने आयोग से पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उनका बयान लंदन या ज्यूरिख में दर्ज करने का निवेदन करने का फैसला किया है। इससे पहले एजाज 16 जनवरी को तीन सदस्यीय न्यायाधीशों के आयोग के समक्ष पेश होने में नाकाम रहे थे। उसके बाद आयोग ने उनसे 24 जनवरी को उपस्थित होने के लिए कहा। एजाज और शेख ने बार-बार मांग की है कि जब वह (एजाज) पाकिस्तान पहुंचे तो उनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना को तैनात किया जाए। एजाज की ओर से आए इस बयान ने उनके मंगलवार को न्यायिक आयोग के समक्ष पेश होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
पाकिस्तान में गत वर्ष तख्तापलट के डर से अमेरिकी मदद मांगने संबंधी एक गुप्त मेमो को सार्वजनिक करके सरकार और देश की शक्तिशाली सेना में तनाव की स्थिति पैदा करने वाले एजाज ने एक बयान में कहा कि उनकी इच्छा लंदन या ज्यूरिख में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग के समक्ष गवाही देने की है। एजाज के वकील अकरम शेख के मुताबिक पाकिस्तानी अमेरिकी व्यापारी ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार की ओर से किसी व्यक्ति ने उन्हें गिरफ्तारी के खिलाफ सुरक्षा का आश्वासन नहीं दिया है।
शेख ने मीडिया से कहा, ‘‘लगता है आयोग के समक्ष गवाही के बाद मंसूर एजाज को पाकिस्तान में पकड़ने के लिए निश्चिय ही एक सुनियोजित जाल बनाया गया है। इसलिए मंसूर एजाज ने आयोग से पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उनका बयान लंदन या ज्यूरिख में दर्ज करने का निवेदन करने का फैसला किया है। इससे पहले एजाज 16 जनवरी को तीन सदस्यीय न्यायाधीशों के आयोग के समक्ष पेश होने में नाकाम रहे थे। उसके बाद आयोग ने उनसे 24 जनवरी को उपस्थित होने के लिए कहा। एजाज और शेख ने बार-बार मांग की है कि जब वह (एजाज) पाकिस्तान पहुंचे तो उनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना को तैनात किया जाए। एजाज की ओर से आए इस बयान ने उनके मंगलवार को न्यायिक आयोग के समक्ष पेश होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है।
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