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This Article is From Apr 24, 2011

मनमोहन ने कयानी से सम्पर्क नहीं किया : पीएमओ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय ने रविवार को उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ मोहाली बैठक से पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से एक गैर आधिकारिक दूत के माध्यम से सम्पर्क किया था। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे ने इन रिपोर्टों को मिथ्या करार दिया है। खरे ने एक बयान में कहा, "हमने एक ब्रिटिश अखबार के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्टें देखी हैं, जिनमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोहाली बैठक के पहले पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से सम्पर्क किया था। यह रिपोर्ट झूठी है।" ज्ञात हो कि लंदन के अखबार "द टाइम्स" ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि मनमोहन सिंह ने दोनों देशों के बीच क्रिकेट प्रेरित कूटनीतिक गरमाहट पैदा करने के लिए पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख के साथ गुप्त बातचीत की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मनमोहन सिंह ने कयानी से सम्पर्क स्थापित करने के लिए लगभग 10 महीने पहले एक गैर अधिकारिक दूत नियुक्त किया था। अखबार ने कहा है कि पिछले दरवाजे की इस बातचीत से पश्चिमी देशों को यह विश्वास हो गया कि यह दोनों देशों की द्विपक्षीय प्रक्रिया को वापस पटरी पर लाने में मददगार साबित होगी। गिलानी, मनमोहन सिंह के निमंत्रण पर विश्वकप क्रिकेट मैच का सेमीफाइनल मुकाबला देखने 30 मार्च को मोहाली आए थे। यह मैच दोनों देशों के बीच था। उन्होंने दोनों देशों के बीच संवाद बहाली पर खुशी जाहिर की थी। दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया 2008 के मुम्बई हमले के बाद से ही अवरुद्ध हो गई थी।

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