नेल्सन मंडेला की फाइल फोटो
जोहानिसबर्ग:
पूर्व कैदी से दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे नेल्सन मंडेला रॉबेन आईलैंड में दो दशक से अधिक समय तक की अपनी कैद के दौरान योग करते थे, ताकि उन कठिन परिस्थितियों से उबर सकें जो राजनीतिक कैदियों को वहां झेलनी पड़ती थी।
उस समय के जीवित बचे आखिरी स्वतंत्रता सेनानियों में से एक इसू लालू चिबा ने यह संदेश 21 जून को संयुक्त राष्ट्र स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की भारतीय मिशन की योजना का समर्थन करने के लिए साझा किया है।
चिबा ने कहा कि जब वह राबेन आईलैंड में एकल सेल में डेढ़ दशक से अधिक समय तक कैदी के रूप में बंद थे तब उन्होंने भी प्रतिदिन 40 मिनट योग किया और उससे उन्हें निराशा से राहत मिली। उन्होंने कहा, 'मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं कि योग के दर्शन एवं पद्धतियों से लोगों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है और उनमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है।'
मंडेला का दिसंबर 2013 में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वह दो दशक से अधिक समय कैदी के तौर पर जेल में बंद रहे। वह 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उस समय के जीवित बचे आखिरी स्वतंत्रता सेनानियों में से एक इसू लालू चिबा ने यह संदेश 21 जून को संयुक्त राष्ट्र स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की भारतीय मिशन की योजना का समर्थन करने के लिए साझा किया है।
चिबा ने कहा कि जब वह राबेन आईलैंड में एकल सेल में डेढ़ दशक से अधिक समय तक कैदी के रूप में बंद थे तब उन्होंने भी प्रतिदिन 40 मिनट योग किया और उससे उन्हें निराशा से राहत मिली। उन्होंने कहा, 'मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं कि योग के दर्शन एवं पद्धतियों से लोगों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है और उनमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न होता है।'
मंडेला का दिसंबर 2013 में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वह दो दशक से अधिक समय कैदी के तौर पर जेल में बंद रहे। वह 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे।
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