फिर मालदीव आया चीन का 'जासूस' जहाज, राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू ने नहीं बताई वजह: रिपोर्ट

चीन के जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 के बारे में बताया जा रहा है कि 100 मीटर लंबे जहाज को 2016 में चीन के राज्य महासागरीय प्रशासन (एसओए) के बेड़े में जोड़ा गया था. यह वर्तमान में चीन में एकमात्र 4,500 टन का जहाज है.

फिर मालदीव आया चीन का 'जासूस' जहाज,  राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू ने नहीं बताई वजह: रिपोर्ट

आखिर, क्‍यों वापस लौटा चीन का जासूसी जहाज...मालदीव ने नहीं किया खुलासा : रिपोर्ट

माले :

चीन का 4,500 टन वजनी हाईटेक 'जासूसी' जहाज मालदीव के जल क्षेत्र में वापस लौट आया है. दो महीने बाद यह इस द्वीपसमूह राष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों पर एक सप्ताह बिताने के बाद वापस आ गया है. समाचार पोर्टल Adhadhu.com ने शुक्रवार को बताया कि जियांग यांग होंग 03 को गुरुवार सुबह थिलाफुशी औद्योगिक द्वीप के बंदरगाह पर खड़ा किया गया. भारत और अमेरिका ने चीन के इस जासूसी जहाज को लेकर चिंता व्‍यक्‍त की थी. 

मालदीव सरकार ने चीनी जासूसी जहाज की वापसी के कारण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सरकार ने जहाज को डॉक करने की अनुमति की पुष्टि की. 93 सदस्यीय पीपुल्स मजलिस में से 66 सीटें हासिल करके आम चुनाव जीता. वहीं, राष्ट्रपति मुइज्जू पिछले साल 'इंडिया आउट' के वादे पर सत्ता में आए थे और 21 अप्रैल को संसदीय चुनावों में भारी बहुमत से जीत के साथ उन्होंने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है.

क्‍यों लौट आया चीन का जासूसी जहाज?

चीनी जासूसी जहाज को लेकर मालदीव की ओर से कहा गया है, "जहाज अब विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) को पार करने के बाद वापस आ गया है. जियांग यांग होंग 03 जनवरी से मालदीव क्षेत्र के अंदर या उसके पास सक्रिय है." जहाज इससे पहले 23 फरवरी को माले के पश्चिम में लगभग 7.5 किमी दूर उसी थिलाफुशी बंदरगाह पर रुका था. मालदीव के ईईजेड की सीमा के पास लगभग एक महीना बिताने के बाद हाई-टेक जहाज 22 फरवरी को मालदीव के जलक्षेत्र में पहुंचा. लगभग छह दिन बाद, जहाज ईईजेड सीमा पर वापस चला गया.

कोई रिसर्च नहीं करेगा जासूसी जहाज, मालदीव का दावा

फरवरी में मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन की सरकार द्वारा मालदीव की सरकार से किए गए राजनयिक अनुरोध के बाद जियांग यांग होंग 3 "अपने कर्मियों के रोटेशन और पुनःपूर्ति के लिए एक पोर्ट कॉल करने" के लिए यहां था. विदेश मंत्रालय ने 23 जनवरी को कहा, "जहाज मालदीव के जलक्षेत्र में कोई रिसर्च नहीं करेगा." मालदीव की भारत से निकटता, लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप से बमुश्किल 70 समुद्री मील और मुख्य भूमि के पश्चिमी तट से 300 समुद्री मील की दूरी, और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के माध्यम से चलने वाले वाणिज्यिक समुद्री मार्गों के केंद्र पर इसका स्थान इसे महत्वपूर्ण बनाता है. 

क्‍या कर सकता है चीन का जासूसी जहाज?

इस बीच, फरवरी में स्थानीय मीडिया रिपोर्टों ने जहाज जियांग यांग होंग 03 के बारे में बताया था कि 100 मीटर लंबे जहाज को 2016 में चीन के राज्य महासागरीय प्रशासन (एसओए) के बेड़े में जोड़ा गया था. यह वर्तमान में चीन में एकमात्र 4,500 टन का जहाज है. 2019 से चीन इस जहाज का उपयोग चीन की पायलट महासागर प्रयोगशाला में 'दूरस्थ जल' और 'गहरे समुद्र' सर्वेक्षण करने के लिए भी कर रहा है. इसमें कहा गया है कि जहाज का उपयोग मिनरल, सूक्ष्मजीव आनुवंशिक अध्ययन, पानी के नीचे खनिज अन्वेषण और पानी के नीचे जीवन और पर्यावरण पर अध्ययन के लिए भी किया जा सकता है. इसमें डेटा प्लव्स हैं जो समुद्री धाराओं, लहरों और महत्वपूर्ण पर्यावरणीय जानकारी को माप सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये प्लव्स चीनी सरकार को वास्तविक समय की उपग्रह जानकारी प्रदान करेंगे. चीन के अनुसार, जहाज  की सहनशक्ति 15,000 समुद्री मील है, जिसका अर्थ है कि यह बिना किसी सहायता के अपने काम के लिए 15,000 समुद्री मील की यात्रा बिना रुके कर सकती है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)