मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने लापता मलेशियाई जेट विमान की सघन तलाशी में भारत की मदद का आग्रह करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात की। एक सप्ताह पहले लापता हुए इस विमान में 239 लोग सवार थे।
रजाक ने कल ही कहा था कि मलेशियाई जांचकर्ताओं को संदेह है कि लापता बोइंग 777-200 विमान में संचार प्रणाली को जानबूझकर खराब कर दिया गया जिसके बाद वह अपने रास्ते से भटक गया और सात घंटे से अधिक समय तक उड़ता रहा।
भारत ने यह कहते हुए लापता विमान के लिए अपना तलाशी अभियान रोक दिया था कि उसे मलेशियाई प्रशासन से ताजा निर्देश का इंतजार है। मलेशिया विमान का पता लगाने के लिए नये क्षेत्रों पर गौर कर रहा है।
भारत ने तलाशी अभियान में पांच जंगी जहाज और छह निगरानी विमान लगाए थे।
कुआलालंपुर में मलेशियाई परिवहन मंत्री हिशाम्मुद्दीन ने आज दिन में कहा था कि फ्लाइट एमएच 370 के तलाशी मिशन में देशों की संख्या दोगुना होकर 25 हो गई है।
हुसैन ने कुआलालंपुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तलाशी एवं बचाव अभियान में लगे देशों की संख्या 14 से बढ़कर 25 हो गयी है।’’ हुसैन ने इसकी भी पुष्टि की प्रधानमंत्री रजाक ने भारत, बांग्लादेश, कजाखस्तान और तुर्कमेनिस्तान में अपने समकक्षों से बातचीत की है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने भारत समेत कम से कम 22 देशों के प्रतिनिधियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और तलाशी में उनके देशों की मदद मांगी। तलाशी अभियान नये चरण में पहुंच गया है और उसकी प्रकृति बदल गयी है।
मंत्री ने कहा कि इस मदद में उपग्रह, प्राथमिक रडार आंकड़े, समुद्र में तलाश से जुड़ी संरचना शामिल हैं।
8 मार्च को कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा यह विमान उड़ान भरने के करीब एक घंटे बाद लापता हो गया। उस पर पांच भारतीय और भारतीय मूल के एक कनाडाई समेत 227 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य हैं।
विमान या उसके मलबे का कोई अता पता नहीं चल पाया है। कई देशों की नौसेनाएं और वायुसेनाएं तलाशी अभियान में जुटी हैं।
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