दोहा:
लीबिया मामले पर गठित अंतरराष्ट्रीय सम्पर्क समूह की कतर की राजधानी दोहा में बुधवार को हुई बैठक में समूह ने लीबिया के विपक्ष संक्रमणकालीन राष्ट्रीय परिषद की मदद के लिए एक 'ट्रस्ट कोष' का गठन किया। साथ ही समूह ने शासक मुअम्मार गद्दाफी से सत्ता छोड़ने का आह्वान किया है। बैठक में समूह के देश जहां लीबिया के भविष्य पर कूटनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं वहीं विद्रोहियों को हथियारों से लैस करने को लेकर उनमें असहमति है। खबर है कि लीबिया के पूर्व विदेश मंत्री मूसा कुसा विद्रोही नेताओं से मिलने के लिए कतर पहुंचे हैं। समाचार चैनल 'अल जजीरा' के मुताबिक बुधवार की बैठक समाप्त होने के बाद जारी एक बयान में कहा गया, "गद्दाफी और उनकी सरकार शासन करने की वैधता खो चुकी है और देश का भविष्य वहां के नागरिकों द्वारा तय करने के लिए गद्दाफी को सत्ता तुरंत छोड़ देनी चाहिए।" समूह के सदस्यों ने गद्दाफी पर और दबाव बढ़ाने की मांग की है लेकिन उनमें विद्रोहियों को हथियार से लैस करने के बारे में असहमति कायम है। बयान में यह भी कहा गया है कि बेनघाजी की स्थिति में सुधार करने की जरूरत है क्योंकि वहां नकदी की कमी बन गई है। इस कोष का इस्तेमाल गद्दाफी की सेना से मोर्चा लेने वाले लड़ाकों के लिए ही नहीं बल्कि इसका उपयोग स्कूलों को दोबारा खोलने और सरकारी कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में होना चाहिए। बुधवार को हुई बैठक में गद्दाफी और विद्रोही समूहों के बीच अफ्रीकी संघ के शांति की मध्यस्थता के प्रयासों के असफल हो जाने के बाद लीबिया के भविष्य को लेकर चर्चा की गई। बैठक के मौके पर विद्रोही संक्रमणकालीन राष्ट्रीय परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव जो गद्दाफी और उनके पुत्रों को सत्ता से बेदखल न करता हो उन्हें मंजूर नहीं है। विद्रोहियों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूर्वी लीबिया पर लगे प्रतिबंध को उठाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे पूर्वी लीबिया के बैंकों में विदेशी मुद्राओं का प्रवाह होगा जिससे आवश्वक वस्तुओं के आयात में मदद मिलेगी। बैठक में समुदाय जहां लीबिया के संकट से निपटने के लिए कूटनीति को अंतिम रूप देने में उलझा रहा वहीं विद्रोहियों को हथियारों से लैस करने को लेकर सदस्य देशों में असहमति कायम रही। इटली के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश चाहता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत लीबिया के विद्रोहियों को हथियार देने के बारे में विचार करे क्योंकि प्रस्ताव में नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर कदम उठाने के लिए कहा गया है। दोहा बैठक के इतर इटली के मौरिजिओ मासारी ने कहा, "नागरिकों की सुरक्षा के लिए विद्रोहियों को हथियारों से लैस करने का मुद्दा निश्चित रूप से बैठक में प्रमुखता से शामिल है। संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव विद्रोहियों को हथियार देने से मना नहीं करता है।" उधर, बेल्जियम के विदेश मंत्री स्टीवन वानाकेरे ने कहा कि उनका देश विद्रोहियों को हथियार देने के विचार का विरोध करता है। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव नागरिकों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहता है न कि विद्रोहियों को हथियार उपलब्ध कराने के लिए।" लीबिया की सरकार ने देश में जारी संघर्ष को लेकर दोहा की बैठक और कतर की भूमिका को खारिज कर दिया है। लीबिया सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को त्रिपोली में कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका के लोग और अमेरिका की सरकार कतर की झूठी बातों और उसकी योजनाओं में शामिल नहीं होंगे। कतर मुश्किल से किसी का सहयोगी हो सकता है।" इस बीच उम्मीद जताई जा रही है कि लीबिया के पूर्व विदेश मंत्री मूसा कुसा दोहा की बैठक में शामिल होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि लीबिया के विद्रोही नेताओं से बातचीत करने के लिए वह कतर पहुंच गए हैं। ब्रिटेन के सूत्रों ने बताया कि कुसा औपचारिक रूप से बैठक में भाग नहीं लेंगे लेकिन वह बैठक से इतर विद्रोही नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। इसके पहले सम्पर्क समूह की शिखर बैठक में हिस्सा लेने जा रहे ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा कि सैन्य स्थिति आगे-पीछे हो रही है। उन्होंने बीबीसी से कहा कि अधिक दबाव (राजनीतिक व सैन्य) बनाने की आवश्यकता पड़ सकती है। सम्पर्क समूह का गठन लंदन में 29 मार्च को मंत्रियों की एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में हुआ था। इस समूह में यूरोपीय देशों के अलावा, अमेरिका और मध्य पूर्व के सहयोगी देश तथा कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। विद्रोहियों पर हमले जारी : उधर लीबिया में नाटो के लड़ाकू विमानों की दर्जनों उड़ानों के बावजूद गद्दाफी की सेनाएं लड़ाई जारी रखने में सक्षम बनी हुई हैं और विद्रोहियों पर लगातार हमले कर रही हैं। मंगलवार को फ्रांस और ब्रिटेन ने इस बात पर सहमति जताई थी कि गठबंधन सेना को गद्दाफी की सेना को रोकने के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए। अफ्रीकी संघ ने लीबियाई लोगों के हितों के संरक्षण के लिए इस उत्तर अफ्रीकी देश में संघर्ष विराम का लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प जताया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक लीबिया मामले पर अफ्रीकी संघ की समिति के सदस्य अब्देल अजीज ने कहा, "हम लीबियाई लोगों के हितों के संरक्षण के लिए संघर्ष विराम का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।" लीबिया मसले पर अफ्रीकी संघ की समिति और अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देल अजीज बोटेफ्लिका के बीच इस मसले पर हुए विचार-विमर्श के बाद अजीज ने यह बात कही। अब्देल अजीज के अलावा इस समिति में कांगो के राष्ट्रपति डेनिस सासाउ नगुएसो और अफ्रीकी संघ आयोग के अध्यक्ष जीन पिंग शामिल हैं।