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This Article is From Oct 19, 2012

सिर्फ 23 फीसदी चीनी ही पसंद करते हैं, भारतीयों को

सिर्फ 23 फीसदी चीनी ही पसंद करते हैं, भारतीयों को
वाशिंगटन: भारत की आर्थिक वृद्धि से सतर्क चीनियों की बड़ी आबादी भारत के बारे में नकारात्मक राय रखती है। वॉशिंगटन स्थित पेव रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में कहा गया है कि करीब एक चौथाई (लगभग 23 फीसदी) चीनी भारत के लिए अनुकूल राय रखते हैं, जबकि 62 फीसदी की राय नकारात्मक है। सेंटर ने कहा, वर्तमान में केवल 44 फीसदी चीनियों का कहना है कि उनके दक्षिणी पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार चीन के लिए सकारात्मक है। हालांकि यह संख्या 2010 की तुलना में कम है। इसी अवधि में भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को अपने लिए बुरा माननेवालों की संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई है।

चीन के प्रति भारतीयों का नजरिया भी लगभग ऐसा ही है और शायद अधिक नकारात्मक है। सर्वे में कहा गया है कि केवल 23 फीसदी भारतीय अपने देश के नेतृत्व को चीन के साथ सहयोगात्मक मानते हैं और 24 फीसदी को लगता है कि चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत के लिए अच्छी बात है। बहरहाल, सर्वे में बताया गया है कि चीनियों का रुख भारत की तुलना में पाकिस्तान के प्रति अच्छा है।

पेव ने कहा, चीन के पाकिस्तान के साथ संबंध अधिक उज्ज्वल हैं और करीब 49 फीसदी चीनी इन रिश्तों को सहयोग के तौर पर देखते हैं। केवल दस फीसदी ने इन रिश्तों को शत्रुतापूर्ण बताया।

रूस के प्रति चीन का रवैया संतुलित है। 48 फीसदी चीनियों ने रूस के बारे में सकारात्मक और 38 फीसदी ने नकारात्मक राय जाहिर की। जहां तक अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की बात है तो केवल 43 फीसदी चीनियों ने दोनों के पक्ष में अपने विचार जाहिर किए। केवल 33 फीसदी चीनियों ने यूरोपीय संघ के लिए और 31 फीसदी ने पाकिस्तान के लिए सकारात्मक राय जताई।

खबर में कहा गया है कि ईरान के पक्ष में राय जाहिर करने वाले चीनियों की संख्या केवल 21 फीसदी थी। वर्ष 2011 की तुलना में यह संख्या आठ फीसदी कम हुई है।

पेव के अनुसार, वर्ष 2010 में जहां 68 फीसदी चीनी मानते थे कि उनके देश के अमेरिका के साथ संबंध सहयोगात्मक हैं वहीं इस बार यह संख्या घट कर मात्र 39 फीसदी रह गई।

इसी तरह भारत के साथ रिश्तों को सहयोगात्मक मानने वाले चीनियों की संख्या 2010 में 53 फीसदी थी, लेकिन अब केवल 39 फीसदी चीनी इन रिश्तों को सकारात्मक नजरिए से देखते हैं।

चीन की पुरानी क्षेत्रीय प्रतिद्वन्द्विता के मद्देनजर उसके 41 फीसदी नागरिकों ने अपने देश के जापान के साथ रिश्तों को शत्रुतापूर्ण कहा। इन रिश्तों को सहयोगी मानने वाले चीनियों की संख्या प्रति दस में केवल तीन थी।

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