कराची:
पाकिस्तान के जाने-माने समाजसेवी अब्दुल सत्तार एधी का शुक्रवार को यहां 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से कई बीमारियों से जूझ रहे थे।
अब्दुल सत्तार एधी के बेटे फैसल एधी ने बताया कि दिन में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करने के बाद उन्हें सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसप्लांटेशन में भर्ती कराया गया और जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।
फैसल ने कहा, 'किडनी फेल हो जाने की वजह से कुछ घंटे पहले उनकी मौत हो गई। खराब स्वास्थ्य के कारण डायलिसिस के दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था।' अब्दुल सत्तार एधी ने करीब 25 साल पहले मशहूर एधी गांव स्थापित किया था, जहां बेघर, परित्यक्त, सड़क पर रहने वाले बच्चों-बुजुर्गों को रखा जाता था। वह एधी फाउंडेशन के अध्यक्ष थे।
उन्हें कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। इस साल भी इस पुरस्कार की सूची में नामित किए गए लोगों में शामिल थे। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। गुजरात में जन्मे अब्दुल सत्तार एधी 1947 में कराची चले गए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अब्दुल सत्तार एधी के बेटे फैसल एधी ने बताया कि दिन में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करने के बाद उन्हें सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसप्लांटेशन में भर्ती कराया गया और जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।
फैसल ने कहा, 'किडनी फेल हो जाने की वजह से कुछ घंटे पहले उनकी मौत हो गई। खराब स्वास्थ्य के कारण डायलिसिस के दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा था।' अब्दुल सत्तार एधी ने करीब 25 साल पहले मशहूर एधी गांव स्थापित किया था, जहां बेघर, परित्यक्त, सड़क पर रहने वाले बच्चों-बुजुर्गों को रखा जाता था। वह एधी फाउंडेशन के अध्यक्ष थे।
उन्हें कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। इस साल भी इस पुरस्कार की सूची में नामित किए गए लोगों में शामिल थे। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड मिल चुके हैं। गुजरात में जन्मे अब्दुल सत्तार एधी 1947 में कराची चले गए थे।
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