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This Article is From Jul 02, 2012

26/11 नियंत्रण कक्ष में था लश्कर का 'मेजर जनरल' : जिंदाल

नई दिल्ली: 26/11 के मुम्बई हमले का नियंत्रण कराची के जिस कक्ष से किया जा रहा था, उसमें मौजूद लोगों में एक लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था, जिसकी पहचान 'मेजर जनरल साहेब' के रूप में हुई है। यह बात प्रमुख संदिग्ध अबु जिंदाल ने भारतीय जांच अधिकारियों को दी।

जांच अधिकारी अभी भी लश्कर के आतंकवादी की पहचान स्पष्ट करने में लगे हुए हैं।

जिंदाल ने बताया है कि 26 नवम्बर 2008 को हमले का नियंत्रण करने वाले कक्ष में पाकिस्तान की आधिकारिक खुफिया एजेंसी आईएसआई के कम से कम दो अधिकारी भी मौजूद थे।

एक जांच अधिकारी ने कहा, "जिंदाल ने अब तक नियंत्रण कक्ष में मौजूद कुछ लोगों की जानकारी दी है। एक की पहचान उसने 'मेजर जनरल साहेब' के रूप में की है, जिसका सही नाम का पता नहीं चला है। लगता है कि वह लश्कर-ए-तैयबा का कोई ऊंचा अधिकारी है। इसके अलावा अन्य दो लोगों का नाम जिंदाल ने 'जकी-उर-रहमान लखवी और मुजम्मी उर्फ यूसुफ' बताया।"

जिंदाल को सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे 21 जून को भारत लाया गया। अभी वह दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की हिरासत में है। उससे नवम्बर 2008 के मुम्बई हमलों सहित कई अन्य आतंकवादी हमले के बारे में पूछताछ की जा रही है।

लश्कर-ए-तैयाबा के आतंकवादी जिंदाल से 12 दिनों की पूछताछ के बाद भारतीय अधिकारियों को यह विश्वास हो चला है कि मुम्बई हमला पाकिस्तान सरकार के सहयोग से की गई थी और आईएसआई ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई थी।

26/11 के मुम्बई आतंकवादी हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी और 238 लोग घायल हुए थे।

देश की अलग-अलग खुफिया और पुलिस एजेंसियां जिंदाल से पूछताछ कर रही हैं।

अधिकारियों ने कहा, "जिंदाल को आईएसआई अधिकारियों का नाम और पद पता नहीं है। उसका कहना है कि जब उन अधिकारियों से वह नियंत्रण कक्ष में मिला तब उसे इस बारे में पूछने की इजाजत नहीं थी।"

अधिकारियों के मुताबिक जिंदाल सिर्फ लश्कर-ए-तैयबा सदस्य हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी का नाम जानता है, क्योंकि वह उन्हें पहले से जानता था।

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