वाशिंगटन:
पाकिस्तानी मूल के आतंकवादी डेविड हेडली ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को अमेरिका जरूर बुलाना चाहता था ताकि उनकी भड़काउ टिप्पणियों से आईएसआई को फायदा हो सके लेकिन ठाकरे की हत्या की योजना कभी नहीं बनाई गई थी। भारत में शिवसेना को एक प्रभावी संगठन करार देते हुए हेडली ने कहा कि ठाकरे की हत्या करना एक बेवकूफी भरा कदम होता और ऐसा करना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारने जैसा होता। दरअसल, लश्कर के अपने साथियों के साथ बातचीत के दौरान हेडली ने ठाकरे की हत्या के बारे में यह मजाक किया था। पाकिस्तानी मूल के एक अन्य संदिग्ध आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई के दौरान हेडली से वकील ने पूछा, क्या लोगों की हत्या के बारे में लश्कर के लोग मजाक करते हैं? इस सवाल के जवाब में हेडली ने कहा, हां। लश्कर के लोग ऐसा करते हैं। वे लोगों की हत्या करते हैं और इस बारे में मजाक भी करते हैं। हेडली से शिवसेना के राजा रेगे के साथ कथित मित्रता के संदर्भ में सवाल-जवाब करते समय ठाकरे की हत्या की साजिश का जिक्र आया था। बकौल हेडली शिवसेना प्रमुख को अमेरिका बुलाने की साजिश रची गई थी। वकील ने हेडली से पूछा किया कि क्या यह सोचकर ठाकरे को अमेरिका बुलाने की योजना बनाई थी कि वह कुछ भड़काउ बोलेंगे तो इसका फायदा आईएसआई को मिलेगा? हेडली ने इसका जवाब में हां में दिया। हेडली ने कहा कि ठाकरे के बयान का वीडियो का इस्तेमाल आईएसआई यह कहकर करती कि अमेरिका आतंकवादियों की मेहमाननवाजी कर रहा है। वकील ने पूछा, जब जब तुम लोग इतनी कोशिश इस आदमी को यहां तक लाने के लिए कर रहे थे तो क्या तुम लोग उनकी हत्या नहीं करते? हेडली ने कहा, नहीं, अगर ऐसा मैं चाहता भी तो इसे अंजाम देना मूखर्तापूर्ण कदम होता। किसी को धन खर्च करके यहां लाया जाए और फिर उसे मार दिया जाए, यह कदम ठीक बेवकूफी भरा होता। इस आतंकवादी ने कहा, हमारी योजना ठाकरे को मारने की नहीं थी, बल्कि हम उनके संगठन को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।
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