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This Article is From Jun 13, 2013

आईएसआई का पाला पोसा आतंकी संगठन है लश्कर : अमेरिकी सांसद

वाशिंगटन: लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा समर्थित और पोषित आतंकी नेटवर्क बताते हुए एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि अगर लश्कर-ए-तैयबा की ओर से अमेरिका पर कोई भी हमला अब किया गया तो इस्लामाबाद को उसकी जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

सांसद पीटर किंग ने संसद की सुनवाई के दौरान कहा, हमें पाकिस्तान को यह बात स्पष्ट कर देनी चाहिए कि आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा के बीच के नजदीकी संबंधों के चलते हमारी धरती पर लश्कर-ए-तैयबा की ओर से होने वाले किसी भी हमले की जिम्मेदारी उन्हें उठानी पड़ेगी। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए गए लश्कर-ए-तैयबा को किंग ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का एक छद्म रूप (प्रॉक्सी) बताया।

उन्होंने कहा, इसे समझना बेहद जरूरी है। लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानि आईएसआई का आतंकी छद्म रूप है। यह लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी हमलों के प्रशिक्षण और तैयारी के लिए सुरक्षित स्थान और आर्थिक मदद उपलब्ध करवाता है। न्यूयॉर्क के रिपब्लिकन सांसद किंग सदन की होमलैंड सुरक्षा समिति की आतंकवाद निरोधी और खुफिया उपसमिति के प्रमुख हैं।

नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने कहा, माइकल मोरेल की जगह पर सीआईए के उप-निदेशक के रूप में अवरिल की नियुक्ति एक बेहतरीन पसंद है। अवरिल ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों से जुड़े विभिन्न पदों पर अपनी उत्कृष्टता साबित की है। उन्होंने कहा, अवरिल को खुफिया समुदाय के बारे में गहरी समझ है और वह देश के खुफिया पेशेवरों के योगदान को महत्व देती हैं। 54 वर्षीय मोरेल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं और वह अपने करियर में दो बार सीआईए के कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं।

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