वाशिंगटन:
अमेरिका में आतंकवाद निरोधक अभियानों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने लश्कर-ए-तैयबा को दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए खतरा बताते हुए पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार इस संगठन के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
‘‘लार्ज एंड कोऑर्डिनेटर फॉर काउंटर टेररिज्म’’ के दूत डेनियल बेंजामिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने अब तक लश्कर-ए-तैयबा की क्षमता में कमी आते नहीं देखी है। यह हमारे लिए लगातार चिंता बना हुआ है और कई बार मैंने दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए उस खतरे का जिक्र किया है जो लश्कर-ए-तैयबा की वजह से आसन्न है। ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2011’ पेश करते हुए संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में बेंजामिन ने कहा, हमने पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। हम मुंबई हमला मामले की सुनवाई में प्रगति चाहते हैं इसमें कोई शक नहीं है कि यह आतंकवादी परिदृश्य में लगातार चिंता बना हुआ है। रिपोर्ट में लश्कर-ए-तैयबा को ऐसा संगठन बताया गया है जो भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के किसी भी प्रयास को नाकाम करने की योजना बनाता है।
बेंजामिन ने कहा, कश्मीर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी भू-भाग से घुसपैठ की कोशिशें भी भारत सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधी वार्ता से दोनों देशों के बीच तनाव घटने की उम्मीद जगी थी लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के विरोधी आतंकवादी जैसे लश्कर-ए -तैयबा ने लंबे समय से नए हमले कर किसी भी प्रगति को बाधित करने की साजिश रची है।
बेंजामिन ने कहा कि वर्ष 2011 प्रति आतंकवाद के नजरिये से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के अन्य कई बड़े आतंकियों की मौत के अलावा हमने देखा कि पश्चिम एशिया में लाखों नागरिकों ने बदलाव के लिए अलकायदा का संदर्भ दिए बिना शांतिपूर्वक मांग की।
‘‘लार्ज एंड कोऑर्डिनेटर फॉर काउंटर टेररिज्म’’ के दूत डेनियल बेंजामिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने अब तक लश्कर-ए-तैयबा की क्षमता में कमी आते नहीं देखी है। यह हमारे लिए लगातार चिंता बना हुआ है और कई बार मैंने दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए उस खतरे का जिक्र किया है जो लश्कर-ए-तैयबा की वजह से आसन्न है। ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2011’ पेश करते हुए संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में बेंजामिन ने कहा, हमने पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है। हम मुंबई हमला मामले की सुनवाई में प्रगति चाहते हैं इसमें कोई शक नहीं है कि यह आतंकवादी परिदृश्य में लगातार चिंता बना हुआ है। रिपोर्ट में लश्कर-ए-तैयबा को ऐसा संगठन बताया गया है जो भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के किसी भी प्रयास को नाकाम करने की योजना बनाता है।
बेंजामिन ने कहा, कश्मीर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं, नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी भू-भाग से घुसपैठ की कोशिशें भी भारत सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधी वार्ता से दोनों देशों के बीच तनाव घटने की उम्मीद जगी थी लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों के विरोधी आतंकवादी जैसे लश्कर-ए -तैयबा ने लंबे समय से नए हमले कर किसी भी प्रगति को बाधित करने की साजिश रची है।
बेंजामिन ने कहा कि वर्ष 2011 प्रति आतंकवाद के नजरिये से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के अन्य कई बड़े आतंकियों की मौत के अलावा हमने देखा कि पश्चिम एशिया में लाखों नागरिकों ने बदलाव के लिए अलकायदा का संदर्भ दिए बिना शांतिपूर्वक मांग की।
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