लश्कर का आतंकी अबू सैफुल्लाह और चीफ हाफिज सईद.
Terrorist Rajullah Nizamani Killed: ऑपरेशन सिंदूर के सहमे पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान के सिंध में लश्कर-ए-तैयबा और जमात का आतंकवादी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह मारा गया. सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध में मतली फलकारा चौक के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी. सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार रविवार को रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह को मतली फलकारा चौक के पास गोली मार दी गई.
बताते चले कि सैफुल्लाह नेपाल में लश्कर के मॉड्यूल पर काम कर रहा था और भारत में आतंकियों की घुसपैठ और आर्थिक मदद जुटाने जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहा था. सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का सहयोगी था.
2006 में आरएसएस मुख्यालय पर हुए हमले में था शामिल
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुख्यालय पर वर्ष 2006 में हुए हमले के मुख्य षडयंत्रकारी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रजाउल्ला निजामनी खालिद उर्फ अबू सैफुल्ला की रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
चौराहे के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर की हत्या
अधिकारियों ने बताया कि खालिद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा था. उन्होंने बताया कि खालिद आज (रविवार को) दोपहर सिंध के मतली में अपने घर से निकला था और सिंध प्रांत के बदनी में एक चौराहे के पास हमलावरों ने उसे गोली मार दी. लश्कर के अबू अनस का करीबी सहयोगी खालिद नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए थे.
2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हमले में भी था शामिल
संघ मुख्यालय पर हमले के अलावा, लश्कर का यह आतंकवादी खालिद 2005 में बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए आतंकी हमले में भी शामिल था, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर मुनीश चंद्र पुरी की मौत हो गई थी और चार अन्य लोग घायल हुए थे. आतंकवादी घटनास्थल से भाग निकले थे, हालांकि बाद में पुलिस ने मामले की जांच की और अबू अनस के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. अनस अब भी फरार है.
2008 में रामपुर में CRPF कैंप पर किया था हमला, 7 जवान हुए थे शहीद
खालिद 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविर पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें सात जवान और एक नागरिक की मौत हो गयी थी. दोनों आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये थे. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा मॉड्यूल का पर्दाफाश किए जाने के बाद खालिद नेपाल छोड़कर पाकिस्तान लौट गया था.
खालिद को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के नेतृत्व ने सिंध के बादिन और हैदराबाद जिलों के इलाकों से नये आतंकवादियों की भर्ती करने और आतंकी संगठन के लिए धन जुटाने का काम सौंपा था. सिंध से आई खबरों के अनुसार, गोली लगने के बाद खालिद को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. खबरों में, इस हत्याकांड को व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला भी बताया गया है.
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