काठमांडू:
नेपाल के पहाड़ी पूर्वोत्तर इलाके में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में छह गांवों के दब जाने से कम से कम 41 लोगों की आज मौत हो गई। देश में 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद यह दूसरी बड़ी प्राकृतिक आपदा है।
पुलिस ने बताया कि भूस्खलन से तापलेजंग जिला प्रभावित हुआ है। हादसे में 41 लोग मारे गए हैं और आठ अन्य लोग घायल हुए हैं। हालांकि मलबे से अभी तक सिर्फ 12 शव बाहर निकाले गए हैं। मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है, क्योंकि गांव के कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। छह लोग बह गए हैं।
नेपाल सेना और नेपाल पुलिस के कर्मी संयुक्त रूप से राहत अभियान चला रहे हैं। पुलिस ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और उसके कारण जलस्रोतों में अचानक आई बाढ़ के कारण राहत कार्य प्रभावित हो सकता है। भूस्खलन के कारण मेची राजमार्ग पर यातायात भी प्रभावित है।
बरसात के दिनों में नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन सामान्य घटना है।
नेपाल अभी भी 25 अप्रैल को आए भूकंप और उसके बाद आए झटकों से उबरने का प्रयास कर रहा है। उस हादसे ने करीब 9,000 लोगों की जान ली थी और भारी पैमाने पर धन की क्षति हुई थी। नेपाल में आज भी भूकंप के दो हल्के झटके महसूस किए गए।
पुलिस ने बताया कि भूस्खलन से तापलेजंग जिला प्रभावित हुआ है। हादसे में 41 लोग मारे गए हैं और आठ अन्य लोग घायल हुए हैं। हालांकि मलबे से अभी तक सिर्फ 12 शव बाहर निकाले गए हैं। मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है, क्योंकि गांव के कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। छह लोग बह गए हैं।
नेपाल सेना और नेपाल पुलिस के कर्मी संयुक्त रूप से राहत अभियान चला रहे हैं। पुलिस ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और उसके कारण जलस्रोतों में अचानक आई बाढ़ के कारण राहत कार्य प्रभावित हो सकता है। भूस्खलन के कारण मेची राजमार्ग पर यातायात भी प्रभावित है।
बरसात के दिनों में नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन सामान्य घटना है।
नेपाल अभी भी 25 अप्रैल को आए भूकंप और उसके बाद आए झटकों से उबरने का प्रयास कर रहा है। उस हादसे ने करीब 9,000 लोगों की जान ली थी और भारी पैमाने पर धन की क्षति हुई थी। नेपाल में आज भी भूकंप के दो हल्के झटके महसूस किए गए।
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