New Delhi:
विदेश सचिवों की बैठक से पहले भारत ने मंगलवार को कहा कि अगर आतंकवाद को लेकर उसकी मुख्य चिंता पर पाकिस्तान कुछ और संवेदनशीलता दिखाता है तो भारत रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में कई कदम आगे बढ़ा सकता है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान हमारी मुख्य चिंता पर कुछ अधिक संवेदनशील बनेगा। मुख्य चिंता आतंकवाद को लेकर है और उससे निपटना है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहता है और इस्लामाबाद को सार्थक बातचीत के लिये उसकी सरजमीं से चल रहे आतंकी ढांचे को खत्म करने का अपना वायदा पूरा करना होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ प्रशिक्षण स्थलों के बारे में सूचना साझा की है और उसे कदम उठाने चाहिए। हमने कहा है कि अगर वह अपना आश्वासन पूरा करता है तो भारत भी कई कदम आगे बढ़ा सकता है। विदेशी पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने समकक्ष शाह महमूद कुरैशी की इस साल के पूर्वार्ध में भारत यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की राह देख रहे हैं। विदेश सचिव निरुपमा राव और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर की 6.7 फरवरी को थिम्पू में दक्षेस सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की उम्मीद है। कृष्णा ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी की पिछले साल थिम्पू में मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई को पाटने पर सहमति हुई थी जिसके बाद वे पिछले साल जुलाई में इस्लामाबाद गए। उन्होंने कहा कि हालांकि हाल की बातचीतों का कोई महत्वपूर्ण नतीजा सामने नहीं आया है लेकिन उससे आतंकवादियों और जनता में यह संदेश गया है कि अविश्वास की खाई को पाटने के प्रयास हो रहे हैं। कृष्णा ने 26:11 के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि मुंबई पर हमला इस बात का उदाहरण है कि कैसे वे इस देश में आकर हमला करते हैं।