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This Article is From Apr 23, 2011

'मनमोहन ने कयानी से की थी खुफिया वार्ता'

लंदन: प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों में गर्माहट लाने के लिए क्रिकेट कूटनीति की तैयारी के क्रम में 10 माह पहले एक गैर आधिकारिक दूत के माध्यम से पाकिस्तानी सेना प्रमुख के साथ पर्दे के पीछे वार्ता की शुरुआत की थी। टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सिंह ने पाकिस्तान के आर्मी स्टाफ के प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी के साथ संपर्क बनाने के लिए एक गैर-आधिकारिक दूत नियुक्त किया था क्योंकि कयानी ही वस्तुत: पाकिस्तान की विदेश नीति का नियंत्रण करते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पर्दे के पीछे चली इस वार्ता से ब्रिटेन और अमेरिका यह महसूस करने के लिए प्रोत्साहित हुए कि अफगानिस्तान में प्रभाव बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच जारी प्रतिस्पर्धा को शांति प्रक्रिया शुरू कर ठीक से हल किया जा सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट विश्व कप के सेमी फाइनल मैच देखने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच के रिश्ते में जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद दिलाई। कयानी ने इस हफ्ते हाई पीस काउंसिल के सदस्यों से मुलाकात करने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा की थी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने तालिबान समूहों के साथ संपर्क बनाने के लिए इसका गठन किया है।

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