लीबिया के प्रधानमंत्री अली जिदान को हथियारबंद लोगों द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के कुछ ही घंटों बाद गुरुवार की सुबह मुक्त कर दिया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने लीबियाई न्यूज एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी।
सिन्हुआ ने लीबिया सरकार के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि जीदान को लीबियाई अधिकारियों ने मुक्त करवाया।
लीबिया सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के बारे में विस्तृत ब्योरा बाद में दिया जाएगा।
अनुमानत: पूर्व विद्रोहियों के हथियारबंद लोगों ने राजधानी त्रिपोली के कोरिन्थिया होटल स्थित प्रधानमंत्री के कार्यालय से गुरुवार को तड़के 3 बजे उनका अपहरण कर लिया था और हथियारों के बल पर उन्हें गुप्त ठिकाने पर ले जाया गया था।
विद्रोहियों ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि जीदान को रिश्वत लेने के आरोप में जीदान को कानून के मुताबिक ही गिरफ्तार किया गया है।
लीबिया के न्याय मंत्री सालाह मरगानी ने हालांकि जीदान को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी करने की बात से इनकार किया।
जीदान पर आरोप लगाए जा रहे थे कि उन्हें अल कायदा के संदिग्ध अबू अनस अल-लीबी को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार करने के लिए त्रिपोली में चलाए गए अमेरिकी अभियान की पहले से जानकारी थी।
इससे पहले मंत्रिमंडलीय सूत्रों ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि जीदान को कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने अपहृत कर लिया है।
जिदान के प्रवक्ता मोहम्मद काब्र ने कहा, "कुछ अज्ञात हथियारबंद लोग जिदान का अपहरण कर उन्हें किसी गुप्त ठिकाने पर ले गए हैं।"
दूसरी तरफ, सरकारी सूत्रों ने प्रधानमंत्री के अपहरण के लिए त्रिपोली से 50 किलोमीटर दूर तटीय शहर अज जाविया के विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया था।
न्याय मंत्री सालाह बशीर मरगानी ने भी अल-अरेबिया को बताया कि हथियारबंद आतंकवादियों ने जिदान का अपहरण कर लिया।
लीबिया की सरकार ने इस मुद्दे का हल निकालने के लिए आपात बैठक भी बुलाई थी।
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