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यूक्रेन (Ukraine) के शहर खारकीव (Kharkiv) को शाम 6 बजे तक छोड़ने की भारतीय दूतावास (Indian Embassy) की एडवायज़री के बाद खारकीव से 1000 हज़ार से ज़्यादा भारतीय स्टूडेंट (Indian Student) शहर से बाहर की तरफ निकल पड़े हैं.यूक्रेन में बढ़ते रूसी हमलों (Russian Attack)के बीच खारकीव रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों भारतीय छात्र ट्रेन का इंतजार कर रहे थे लेकिन अचानक आई एडवायज़री के बाद वहां से पैदल ही खारकीव से बाहर निकल पड़े हैं. खारकीव से निकलने छात्र पेसोचिन (Pisochin),बाबाये (Babaye) और बेजलियुडोवका (Bezlyudovaka) की ओर बढ़ रहे हैं. इनमें सबसे करीब पेसेचिन है. जो खारकीव से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक कस्बा है. यहां तक खारकीव से पैदल पहुंचने में दो-ढ़ाई घंटे का समय लगेगा.
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Kharkiv से पैदल रास्ते में सबसे करीब है Pisochin. भारतीय दूतावस ने यहां जाने की सलाह दी है
खारकीव रेलवे स्टेशन से पेसोचिन अपने साथियों के संग पैदल निकले डेनिस से NDTV की बात हुई. उन्होंने बताया कि रूस की बमबारी के खतरे के बीच हम भारतीय झंडे को लेकर पैदल ही खारकीव से बाहर जा रहे हैं. छात्रों के कंधे पर भारी बैग भी है और छात्र कई घंटों से स्टेशन पर खड़े ट्रेन का इंतज़ार भी कर रहे थे. खारकीव में फंसे छात्रों के मां-बाप उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं. पेरेंट्स की दूतावास के साथ हुई एक कॉल के अनुसार बच्चों को पेसोचिन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों और मदद के मिलने का इंतजार है.
इंडिया इन यूक्रेन की ओर से ट्वीट किया गया था, 'खारकीव में रह रहे सभी भारतीयों को जरूरी सलाह...अपनी सुरक्षा के लिए खारकीव खरह को तुरंत छोड़ दें. जितनी जल्द संभव हो सके पेसोचिन, बाबाये और बेजलियुडोवका की ओर बढ़ें हर हाल में उन्हें यहां पर यूक्रेन के समयानुसार 1800 बजे तक (शाम छह बजे तक) पहुंचना होगा.' रक्षा विशेषज्ञों का कहना है ऐसा लगता है कि कि भारत की रूस के साथ बात हुई है और खारकीव से भारतीयों को निकलने के लिए कुछ समय दिया गया है.
The Russians apparently agreed to a six hour window for allowing safe passage to all Indians in Kharkiv before an all-out assault begins tonight . The deadline is 2130 IST, about 3 hours from now. #UkraineWar
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) March 2, 2022
इससे पहले यूक्रेन में खारकीव रेलवे स्टेशन पर मौजूद भारतीय छात्रों ने दावा किया था कि उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया. भारतीय छात्रों का कहना है कि एक ट्रेन आकर चली गई लेकिन उन्हें ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया गया. खारकीव रेलवे स्टेशन पर बर्फबारी के बीच खुले में खड़े भारतीय छात्रों ने कहा था कि यहां पर ठंड बढ़ रही है और बर्फ पड़ रही है. पता नहीं कब तक हम ऐसे ही खड़े रहेंगे.हमारे साथ लड़कियां भी हैं. छात्रों ने गुहार की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए. खारकीव रेलवे स्टेशन पर इस समय हजारों की भीड़ है. रूसी बमबारी के बीच जान पर खेलकर खारकीव रेलवे स्टेशन पहुंचे थे सैकड़ों भारतीय छात्र जो अब पैदल खारकीव से बाहर निकल पड़े हैं.
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