Ukraine Crisis: "Indian Students को ट्रेन से उतारा", Kharkiv से तुरंत निकलने की है 'सख़्त ज़रूरत'

Ukraine Crisis: रूसी बमबारी के बीच जान पर खेलकर खारकीव रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं सैकड़ों भारतीय छात्र. दूतावास की ओर से तुरंत खारकीव छोड़ने के निर्देश मिले थे. छात्रों ने गुहार की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए. खारकीव रेलवे स्टेशन पर इस समय हजारों की भीड़  है.  

खारकीव, यूक्रेन :

यूक्रेन (Ukraine) में खारकीव रेलवे स्टेशन (Kharkiv Railway Station) पर मौजूद भारतीय छात्रों (Indian Students) ने दावा किया है कि उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया. भारतीय छात्रों का कहना है कि एक ट्रेन आकर चली गई लेकिन उन्हें ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया जा रहा है. खारकीव रेलवे स्टेशन पर बर्फबारी के बीच खुले में खड़े भारतीय छात्रों ने कहा कि यहां पर ठंड बढ़ रही है और बर्फ पड़ रही है. छात्रों ने मायूस होकर कहा, "पता नहीं कब तक हम ऐसे ही खड़े रहेंगे. हमारे साथ लड़कियां भी हैं." छात्रों ने गुहार की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए. खारकीव रेलवे स्टेशन पर इस समय हजारों की भीड़  है. रूसी बमबारी के बीच जान पर खेलकर खारकीव रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं सैकड़ों भारतीय  छात्र. 

यूक्रेन और रूस के बीच जंग तेज होती जा रही है. युद्ध के सातवें दिन रूस ने यूक्रेन के कई शहरों को निशाना बनाया. राजधानी कीव और खरकीव में रूसी हमले में बड़ी तबाही होने की बात कही जा रही है. रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है और यूक्रेनी फौजें उनका मुकाबला कर रही है. इस बीच, यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र की मौत का मामला सामने आया है. भारतीय छात्र की मौत बीमारी की वजह से हुई है. 

 युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार को गोलाबारी में केरल का 25 वर्षीय एक छात्र बाल-बाल बच गया जबकि उसके बैच के साथी कर्नाटक निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई। गोलाबारी के समय मेडिकल छात्र असोयुन हुसैन अपने साथी ज्ञानगौदर से महज 50 मीटर की दूरी पर था.

इस बीच युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार को गोलाबारी में केरल का 25 वर्षीय एक छात्र बाल-बाल बच गया जबकि उसके बैच के साथी कर्नाटक निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मौत हो गई थी. गोलाबारी के समय मेडिकल छात्र असोयुन हुसैन अपने साथी ज्ञानगौदर से महज 50 मीटर की दूरी पर था.

असोयुन के भाई अफसाल हुसैन ने कहा कि असोयुन अन्य लोगों के साथ खारकीव से पश्चिमी यूक्रेन की ओर जा रहा है ताकि रूस के भीषण हमले से बचा जा सके.

उन्होंने कहा, 'नवीन की मौत एक सदमे के रूप में आई. मेरी मां, जो चिंतित और तनावग्रस्त थीं, यह खबर फैलते ही गिर पड़ीं। वह अब एक अस्पताल में भर्ती हैं। यह हमारे लिए कठिन परीक्षा का समय है, जो हजारों किलोमीटर दूर हैं.'

अफसाल हुसैन ने कहा, 'मेरे भाई ने एक भूमिगत मेट्रो रेल स्टेशन में शरण ली थी, जो नवीन की मृत्यु के स्थान से 50 मीटर की दूरी पर था. वह उसका बैचमेट था.'

कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी निवासी नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में असोयुन हुसैन की तरह चौथे वर्ष का मेडिकल छात्र था.

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अभिभावकों का कहना है कि अनेक भारतीय छात्र यूक्रेन के शहरों में बंकरों में छिपे हुए हैं और वे लगातार गोलाबारी के कारण भागने में असमर्थ हैं। उन्होंने भारतीय दूतावास के उस परामर्श पर भी चिंता व्यक्त की है जिसमें छात्रों को निकासी के लिए यूक्रेन की सीमाओं तक पहुंचने के लिए कहा गया है.