अबुजा:
कीनिया की राजधानी नैरोबी के वेस्टगेट मॉल पर हुए आतंकी हमले के एक साजिशकर्ता ने पाकिस्तान में पढ़ाई की है और वहीं पढ़ने के दौरान वह जेहादियों के संपर्क में आया था।
समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार मुख्तार अबू जुबैर ने 1990 के दशक में पाकिस्तान में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति हासिल की थी और पाकिस्तान में ही उसका जेहादियों से संपर्क हुआ।
गोडाने नाम से मशहूर जुबैर कश्मीर और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में भी शामिल हुआ था। वह अफगानिस्तान में आतंक का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए भी गया था।
इस आतंकी कमांडर की उम्र 35 साल के आस-पास है। वह 2002 में सोमालिया लौटा और वहां के एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा रखने वाले संगठन ‘इस्लामिक कोर्ट ऑफ यूनियन’ से जुड़ा।
उसने 2006 में सोमालिया में इस्लामवादियों की सत्ता खत्म होने तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। इस समूह के कई कट्टरपंथियों ने मिलकर अल शबाब नामक आतंकी संगठन बनाया।
अल शबाब ने ही नैरोबी के वेस्टगेट मॉल पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में तीन भारतीयों सहित 67 लोग मारे गए।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार जुबैर को किताबों का बहुत शौक है तथा अरबी और सोमाली भाषा पर उसकी अच्छी पकड़ है। वह कविताओं का शौक रखता है तथा कई प्रमुख पत्र पत्रिकाओं को भी पढ़ता है। इन कुछ खूबियों के बावजूद वह बेहद खूंखार आतंकी है। उसने अल शबाब पर अपना नियंत्रण बनाने के लिए अपने ज्यादातर विरोधियों की निर्ममता से हत्या कर दी।
अल शबाब का कहना है कि सोमालिया में कीनिया द्वारा अपने सैनिक भेजे जाने का बदला लेने के लिए नैरोबी के मॉल पर हमला किया गया।
पंरतु खबरों में कहा गया है कि इस आतंकी संगठन के भीतर चल रहे संघर्ष के कारण इस वारदात को अंजाम दिया गया। जुबैर खुद को और इस संगठन को भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत साबित करना चाहता था तथा इसी इरादे की वजह से हमला किया गया।
समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार मुख्तार अबू जुबैर ने 1990 के दशक में पाकिस्तान में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति हासिल की थी और पाकिस्तान में ही उसका जेहादियों से संपर्क हुआ।
गोडाने नाम से मशहूर जुबैर कश्मीर और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में भी शामिल हुआ था। वह अफगानिस्तान में आतंक का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए भी गया था।
इस आतंकी कमांडर की उम्र 35 साल के आस-पास है। वह 2002 में सोमालिया लौटा और वहां के एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा रखने वाले संगठन ‘इस्लामिक कोर्ट ऑफ यूनियन’ से जुड़ा।
उसने 2006 में सोमालिया में इस्लामवादियों की सत्ता खत्म होने तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। इस समूह के कई कट्टरपंथियों ने मिलकर अल शबाब नामक आतंकी संगठन बनाया।
अल शबाब ने ही नैरोबी के वेस्टगेट मॉल पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में तीन भारतीयों सहित 67 लोग मारे गए।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार जुबैर को किताबों का बहुत शौक है तथा अरबी और सोमाली भाषा पर उसकी अच्छी पकड़ है। वह कविताओं का शौक रखता है तथा कई प्रमुख पत्र पत्रिकाओं को भी पढ़ता है। इन कुछ खूबियों के बावजूद वह बेहद खूंखार आतंकी है। उसने अल शबाब पर अपना नियंत्रण बनाने के लिए अपने ज्यादातर विरोधियों की निर्ममता से हत्या कर दी।
अल शबाब का कहना है कि सोमालिया में कीनिया द्वारा अपने सैनिक भेजे जाने का बदला लेने के लिए नैरोबी के मॉल पर हमला किया गया।
पंरतु खबरों में कहा गया है कि इस आतंकी संगठन के भीतर चल रहे संघर्ष के कारण इस वारदात को अंजाम दिया गया। जुबैर खुद को और इस संगठन को भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत साबित करना चाहता था तथा इसी इरादे की वजह से हमला किया गया।
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