पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का फाइल फोटो...
अस्ताना:
कज़ाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई को-ऑपरेशन की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के बीच डिनर में मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने नवाज़ शरीफ़ से उनकी तबीयत के बारे में पूछा. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
दरअसल, नवाज़ शरीफ़ का हाल ही में दिल का ऑपरेशन हुआ था. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने नवाज़ शरीफ़ से उनकी मां और परिवार का हाल-चाल भी पूछा.
उल्लखेनीय है कि कज़ाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहुंचे हुए हैं. दोनों के बीच किसी आधिकारिक मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय सिरे से मना कर चुका है.. फिर भी दोनों पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और नवाज शरीफ के बीच संभावित बैठक के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "उनकी और हमारी ओर से कोई बैठक तय नहीं की गई है".
शंघाई कोऑपरेटिव ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की यहां दो दिवसीय शिखर बैठक में भारत और पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा दे दिया जाएगा. इसकी प्रक्रिया पिछले साल जून से शुरू हुई थी. दोनों देशों ने इसके लिए मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर दस्तखत किए हैं. इसमें सभी सदस्य देशों का आपस में सहयोग बड़ी शर्त है.
हालांकि ये शर्त दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर बाध्यकारी नहीं है पर एससीओ के सभी पुराने देश चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान अपने रिश्तों पर ज़मीं बर्फ़ पिघलाएं. याद हो कि उफ़ा में 2015 में भी दोनों प्रधानमंत्री एससीओ बैठक के दौरान ही मिले थे और बातचीत के पटरी पर लाने की कोशिश की शुरुआत की थी, लेकिन पाकिस्तान की तरफ़ से लगातार आतंकी वारदातों की वजह से ये पटरी पर लौट न सकीं.
भारत दो टूक लहजे में साफ़ कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. इसलिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी कह चुकी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ की यहां अस्ताना में कोई नहीं मुलाक़ात होगी, लेकिन पाकिस्तान से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ कुलभूषण जाधव ICJ में शुरुआती हार का मुंह देख चुके पाकिस्तान पर बातचीत की पहल का भारी दबाव है. समस्या ये है कि वह बातचीत का अनुरोध खुलकर नहीं करना चाहता.
दरअसल, नवाज़ शरीफ़ का हाल ही में दिल का ऑपरेशन हुआ था. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने नवाज़ शरीफ़ से उनकी मां और परिवार का हाल-चाल भी पूछा.
उल्लखेनीय है कि कज़ाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहुंचे हुए हैं. दोनों के बीच किसी आधिकारिक मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय सिरे से मना कर चुका है.. फिर भी दोनों पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और नवाज शरीफ के बीच संभावित बैठक के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "उनकी और हमारी ओर से कोई बैठक तय नहीं की गई है".
शंघाई कोऑपरेटिव ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की यहां दो दिवसीय शिखर बैठक में भारत और पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा दे दिया जाएगा. इसकी प्रक्रिया पिछले साल जून से शुरू हुई थी. दोनों देशों ने इसके लिए मेमोरेंडम ऑफ ऑब्लिगेशन पर दस्तखत किए हैं. इसमें सभी सदस्य देशों का आपस में सहयोग बड़ी शर्त है.
हालांकि ये शर्त दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर बाध्यकारी नहीं है पर एससीओ के सभी पुराने देश चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान अपने रिश्तों पर ज़मीं बर्फ़ पिघलाएं. याद हो कि उफ़ा में 2015 में भी दोनों प्रधानमंत्री एससीओ बैठक के दौरान ही मिले थे और बातचीत के पटरी पर लाने की कोशिश की शुरुआत की थी, लेकिन पाकिस्तान की तरफ़ से लगातार आतंकी वारदातों की वजह से ये पटरी पर लौट न सकीं.
भारत दो टूक लहजे में साफ़ कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. इसलिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी कह चुकी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ की यहां अस्ताना में कोई नहीं मुलाक़ात होगी, लेकिन पाकिस्तान से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ कुलभूषण जाधव ICJ में शुरुआती हार का मुंह देख चुके पाकिस्तान पर बातचीत की पहल का भारी दबाव है. समस्या ये है कि वह बातचीत का अनुरोध खुलकर नहीं करना चाहता.
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