न्यूयॉर्क:
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने यूएन की आमसभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि वहां की आवाम को फैसला करने का हक मिलना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र की नाकामी का सबूत है, न कि मजबूती का। इस मसले को आपसी सहयोग के जरिये ही सुलझाया जा सकता है।
इस्लामी चरपंथ के मुद्दे पर जरदारी ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से कहा कि उनके देश पर अब और कदम उठाने का दबाव बनाना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में पाकिस्तान को दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी है।
जरदारी ने कहा कि जो भी लोग यह कहते हैं कि हमने चरमपंथ के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं, मैं उनसे नम्रता से कहता हूं कि मेहरबानी करके हमारे उन लोगों का अपमान मत कीजिए, जिन्होंने जानें गंवाई हैं और जो एक दर्द में जी रहे हैं।"
जरदारी ने यह भी कहा कि अमेरिकी ड्रोन हमलों की वजह से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर जनता का समर्थन जुटाना उनकी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र की नाकामी का सबूत है, न कि मजबूती का। इस मसले को आपसी सहयोग के जरिये ही सुलझाया जा सकता है।
इस्लामी चरपंथ के मुद्दे पर जरदारी ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से कहा कि उनके देश पर अब और कदम उठाने का दबाव बनाना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में पाकिस्तान को दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी है।
जरदारी ने कहा कि जो भी लोग यह कहते हैं कि हमने चरमपंथ के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं, मैं उनसे नम्रता से कहता हूं कि मेहरबानी करके हमारे उन लोगों का अपमान मत कीजिए, जिन्होंने जानें गंवाई हैं और जो एक दर्द में जी रहे हैं।"
जरदारी ने यह भी कहा कि अमेरिकी ड्रोन हमलों की वजह से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर जनता का समर्थन जुटाना उनकी सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है।
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