कराची:
आईएसआईएस आतंकवादी संगठन की ओर से पाकिस्तान के संवेदनशील कराची शहर में अंजाम दी गई जातीय हिंसा की घटना में पुलिस वर्दी में आए आतंकियों ने बुधवार को एक बस पर गोलियां बरसा दीं, जिससे बस में सवार 16 महिलाओं समेत 45 शिया इस्माइली मुस्लिम मारे गए। इस्लामिक स्टेट संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोटरसाइकिलों पर सवार छह से आठ हमलावरों ने 60 लोगों को लेकर एक शिया सामुदायिक केंद्र जा रही बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। पुलिस ने कहा कि हमलावरों ने 17 महिलाओं समेत 45 लोगों को मार दिया और 20 से ज्यादा लोग इस हमले में जख्मी हो गए। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
पाकिस्तान की पत्रकार घरीदा फार्रुख़ी के मुताबिक आतंकियों ने बस को शफ़ूरा चौरंगी से थोड़ा आगे जाकर एक वीरान जगह पर रोका और बस के अंदर घुसकर सबसे पहले बस के ड्राईवर को मारा फिर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
पिस्टल से सिर पर गोली मारी
एक चश्मदीद के अनुसार आतंकी पहले खचाखच भरी बस में अंदर घुसे और उसमें सवार यात्रियों पर 9 एमएम की पिस्टल से उनके सिर पर गोली मारी है। घटना को अंजाम देकर आतंकी भागने में सफल रहे।
मौके पर पहुंची पुलिस और रेंजर्स की टीम ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस के अनुसार बस में 60 से अधिक लोग सवार थे, जो शिया इस्मायली समुदाय के थे। बस शहर के अल-अज़हर गार्डन इलाके से आयशा मंजिल के करीब बने उनके धार्मिक स्थल की ओर जा रही थी।
पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार घरीदा फ़ार्रुखी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि पूरी संभावना है कि आतंकियों ने पर्याप्त रेकी करने के बाद इस घटना को अंजाम दिया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मुख़्यमंत्री ने भी इस हमले की निंदा की है और इलाक़े में तैनात दो पुलिसवालों को हटा दिया गया है।
जुनदुल्लाह ने ली ज़िम्मेदारी
आंतकी संगठन तह़रीक-ए-तालिबान से जुड़े उसके एक छोटे गुट जुनदुल्लाह ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। ये गुट अलक़ायदा से भी जुड़ा रह चुका है और पहले भी इस तरह के हमलों को अंजाम दे चुका है। नवंबर 2014 में ये गुट इस्लामिक स्टेट के समर्थन में आगे आया था।
हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। मेमन मेडिकल सेंटर के सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर राना रज्ज़ाक ने अंग्रेजी अख़बार डॉन को बताया कि अस्पताल लाई गई एक लड़की और तीन-चार अन्य लोगों को बचा लिया गया है।
ख़ास समुदाय पर निशाना
इस हमले को जातीय हिंसा से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि हमले में ख़ासतौर पर शिया गुट के इस्मायली समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। जिस बस पर हमला किया गया वो इस समुदाय की कम्यूनिटी बस थी, जिस पर अल-अज़हर गार्डन लिखा हुआ था।
घरीदा के अनुसार किसी ख़ास समुदाय को निशाना बनाने का ये अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें क्वेटा या बलुचिस्तान से जुड़े लोगों को निशाना बनाया गया है, लेकिन हमले का तरीका या मोडस-ऑपरेंडी बिल्कुल वैसा है जैसा आमतौर पर कराची में आतंकी किया करते हैं।
घरीदा ने वहां के एसएसपी मलिक के हवाले से ये भी कहा कि यह अपनी तरह की पहली घटना है, जिसमें बस में घुसकर चारों तरफ़ से बड़ी ही बेदर्दी से गोलियां चलायी गई हैं। जिन लोगों को निशाना बनाया गया है वो कराची के सबसे ग़रीब इलाके शफ़ूरा बोट के रहने वाले हैं और एक ही समुदाय से हैं, जो काफ़ी ग़रीब है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोटरसाइकिलों पर सवार छह से आठ हमलावरों ने 60 लोगों को लेकर एक शिया सामुदायिक केंद्र जा रही बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। पुलिस ने कहा कि हमलावरों ने 17 महिलाओं समेत 45 लोगों को मार दिया और 20 से ज्यादा लोग इस हमले में जख्मी हो गए। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
पाकिस्तान की पत्रकार घरीदा फार्रुख़ी के मुताबिक आतंकियों ने बस को शफ़ूरा चौरंगी से थोड़ा आगे जाकर एक वीरान जगह पर रोका और बस के अंदर घुसकर सबसे पहले बस के ड्राईवर को मारा फिर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
पिस्टल से सिर पर गोली मारी
एक चश्मदीद के अनुसार आतंकी पहले खचाखच भरी बस में अंदर घुसे और उसमें सवार यात्रियों पर 9 एमएम की पिस्टल से उनके सिर पर गोली मारी है। घटना को अंजाम देकर आतंकी भागने में सफल रहे।
मौके पर पहुंची पुलिस और रेंजर्स की टीम ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस के अनुसार बस में 60 से अधिक लोग सवार थे, जो शिया इस्मायली समुदाय के थे। बस शहर के अल-अज़हर गार्डन इलाके से आयशा मंजिल के करीब बने उनके धार्मिक स्थल की ओर जा रही थी।
पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार घरीदा फ़ार्रुखी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि पूरी संभावना है कि आतंकियों ने पर्याप्त रेकी करने के बाद इस घटना को अंजाम दिया है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मुख़्यमंत्री ने भी इस हमले की निंदा की है और इलाक़े में तैनात दो पुलिसवालों को हटा दिया गया है।
जुनदुल्लाह ने ली ज़िम्मेदारी
आंतकी संगठन तह़रीक-ए-तालिबान से जुड़े उसके एक छोटे गुट जुनदुल्लाह ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। ये गुट अलक़ायदा से भी जुड़ा रह चुका है और पहले भी इस तरह के हमलों को अंजाम दे चुका है। नवंबर 2014 में ये गुट इस्लामिक स्टेट के समर्थन में आगे आया था।
हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। मेमन मेडिकल सेंटर के सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर राना रज्ज़ाक ने अंग्रेजी अख़बार डॉन को बताया कि अस्पताल लाई गई एक लड़की और तीन-चार अन्य लोगों को बचा लिया गया है।
ख़ास समुदाय पर निशाना
इस हमले को जातीय हिंसा से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि हमले में ख़ासतौर पर शिया गुट के इस्मायली समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। जिस बस पर हमला किया गया वो इस समुदाय की कम्यूनिटी बस थी, जिस पर अल-अज़हर गार्डन लिखा हुआ था।
घरीदा के अनुसार किसी ख़ास समुदाय को निशाना बनाने का ये अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें क्वेटा या बलुचिस्तान से जुड़े लोगों को निशाना बनाया गया है, लेकिन हमले का तरीका या मोडस-ऑपरेंडी बिल्कुल वैसा है जैसा आमतौर पर कराची में आतंकी किया करते हैं।
घरीदा ने वहां के एसएसपी मलिक के हवाले से ये भी कहा कि यह अपनी तरह की पहली घटना है, जिसमें बस में घुसकर चारों तरफ़ से बड़ी ही बेदर्दी से गोलियां चलायी गई हैं। जिन लोगों को निशाना बनाया गया है वो कराची के सबसे ग़रीब इलाके शफ़ूरा बोट के रहने वाले हैं और एक ही समुदाय से हैं, जो काफ़ी ग़रीब है।
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