काबुल:
अफगानिस्तान में तैनात उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग बल (आईएसएएफ) के शीर्ष अधिकारियों ने काबुल हमले के लिए पाकिस्तानी तालिबानी आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है। 20 घंटे तक चली घेराबंदी में कम से कम 16 लोग मारे गए। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती की रपट के अनुसार आईएसएएफ के कमांडर जनरल जॉन एलेन ने संवाददाताओं को बताया, "हमले की जटिलता एवं इसका तरीका देखकर इसके पीछे हक्कानी के हाथ होने की आशंका है।" मंगलवार को हमलावरों ने अमेरिकी दूतावास,आईएसएएफ मुख्यालय एवं टोलो टीवी के कार्यालय पर मंगलवार को राकेट भी दागे थे। पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान और अफगानिस्तान के तीन पूर्वी प्रांतों में सक्रिय हक्कानी गुट, तालिबान का सहयोगी है और उसके पास तीन हजार लड़ाके हैं। अलकायदा से भी उसके घनिष्ठ रिश्ते हैं। पर अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत रेयान क्रोकर ने इस हमले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। हक्कानी गुट पर 2008 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हमले करने के अलावा कई और बड़े हमले करने का आरोप है।