इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन को मौत की सजा सुनाने वाले जज को आइएसआइएस के विद्रोहियों ने पिछले सप्ताह मौत के घाट उतार दिया। सद्दाम को वर्ष 2006 में फांसी की सजा दी गई थी।
अमेरिकी हमले के बाद सत्ता से हटाए गए सद्दाम के खिलाफ सुप्रीम इराकी क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में सुनवाई हुई थी जिसकी अगुवाई जज रऊफ अब्दुल रहमान ने की थी।
रिपोर्टों में कहा गया है कि रहमान को इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के आतंकियों ने पकड़ा, अगवा किया और फिर फांसी पर चढ़ा दिया।
कहा जा रहा है कि उन्हें 16 जून को पकड़ा गया। दो दिनों बाद उनकी हत्या कर दी गई। हालांकि इराकी सरकार ने उनके मारे जाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उनके पिछले सप्ताह पकड़े जाने की खबरों से इनकार भी नहीं किया है। अल-मेसयरुन के अनुसार, जार्डन के सांसद खलील अतेह ने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, 'इराकी क्रांतिकारियों ने बदला लेने के लिए उन्हें पकड़ा और मौत की सजा दी'।
उन्होंने बताया कि इसके पहले रहमान को जान से मारने का विफल प्रयास हुआ था और वह बच निकले थे। तब उन्होंने एक नर्तकी की पोशाक में बगदाद भागकर जान बचाई थी।
उल्लेखनीय है कि सद्दाम को 1982 में 148 शियाओं की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 30 दिसंबर, 2006 को फांसी दी गई थी।
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