जमाल खाशोगी
वाशिंगटन:
पत्रकार जमाल खाशोगी ने अक्टूबर में हत्या होने से पहले अपने एक निर्वासित सऊदी साथी को 400 से ज्यादा व्हॉट्सएप संदेश भेजे थे, जिसमें उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को 'क्रूर' व 'पैक-मैन' करार दिया था और कहा था कि वह अपने रास्ते में आने वाले सभी को बर्बाद कर सकता है, यहां तक कि अपने समर्थकों को भी. सीएनएन ने सोमवार को रिपोर्ट में कहा कि खाशोगी ने मोंट्रियल के कार्यकर्ता उमर अब्दुल अजीज को संदेश भेजे थे.
अब्दुल अजीज द्वारा साझा किए गए संदेशों में वॉयस रिकॉर्डिग, तस्वीरें, वीडियो शामिल हैं. साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति की पेंट हुई तस्वीर साझा की है, जो क्राउन प्रिंस की बदमिजाजी से गंभीर संकट में दिखाई पड़ रहा है. खाशोगी ने मई माह में भेजे अपने एक संदेश में कहा था, "जितना अधिक वह चाहते हैं, उतने अधिक लोगों को वह नुकसान पहुंचाते हैं". खाशोगी ने यह संदेश सऊदी कार्यकर्ताओं के एक समूह को घेरे जाने के बाद किया था. उन्होंने कहा, "मैं आश्चर्यचकित नहीं होऊंगा, अगर इस उत्पड़ीन की आंच उन्हें समर्थन करने वालों तक भी पहुंचती है तो".
अक्टूबर, 2017 और अगस्त 2018 के बीच लगभग रोजाना की बातचीत में खाशोगी और अब्दुल अजीज ने सऊदी के युवकों को वापस घर लाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक सेना का गठन करने और सोशल मीडिया पर प्रिंस के प्रचार को धूल में मिलाने की योजना बनाई थी. अब्दुल अजीज ने रविवार को सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "जमाल का मानना था कि एमबीएस (क्राउन प्रिंस) एक मुद्दा है, एक समस्या है और उन्होंने कहा था कि इस बच्चे को रोका जाना चाहिए" लेकिन अगस्त में जब उन्हें पता लगा कि उनकी बातचीत का अंदेशा सऊदी अधिकारियों को लग गया है तो उन्होंने लिखा 'खुदा, हमारी मदद करे'. इसके दो महीने बाद ही उनकी मौत हो गई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अब्दुल अजीज द्वारा साझा किए गए संदेशों में वॉयस रिकॉर्डिग, तस्वीरें, वीडियो शामिल हैं. साथ ही उन्होंने एक व्यक्ति की पेंट हुई तस्वीर साझा की है, जो क्राउन प्रिंस की बदमिजाजी से गंभीर संकट में दिखाई पड़ रहा है. खाशोगी ने मई माह में भेजे अपने एक संदेश में कहा था, "जितना अधिक वह चाहते हैं, उतने अधिक लोगों को वह नुकसान पहुंचाते हैं". खाशोगी ने यह संदेश सऊदी कार्यकर्ताओं के एक समूह को घेरे जाने के बाद किया था. उन्होंने कहा, "मैं आश्चर्यचकित नहीं होऊंगा, अगर इस उत्पड़ीन की आंच उन्हें समर्थन करने वालों तक भी पहुंचती है तो".
अक्टूबर, 2017 और अगस्त 2018 के बीच लगभग रोजाना की बातचीत में खाशोगी और अब्दुल अजीज ने सऊदी के युवकों को वापस घर लाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक सेना का गठन करने और सोशल मीडिया पर प्रिंस के प्रचार को धूल में मिलाने की योजना बनाई थी. अब्दुल अजीज ने रविवार को सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "जमाल का मानना था कि एमबीएस (क्राउन प्रिंस) एक मुद्दा है, एक समस्या है और उन्होंने कहा था कि इस बच्चे को रोका जाना चाहिए" लेकिन अगस्त में जब उन्हें पता लगा कि उनकी बातचीत का अंदेशा सऊदी अधिकारियों को लग गया है तो उन्होंने लिखा 'खुदा, हमारी मदद करे'. इसके दो महीने बाद ही उनकी मौत हो गई.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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