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This Article is From Apr 18, 2016

पाकिस्तान ने तालिबान को दी चेतावनी, शांति वार्ता में शामिल हो या नतीजे भुगतने को तैयार रहो

पाकिस्तान ने तालिबान को दी चेतावनी, शांति वार्ता में शामिल हो या नतीजे भुगतने को तैयार रहो
तालिबान आतंकियों की फाइल फोटो
इस्लामाबाद: अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति प्रक्रिया में हिस्सा लेने से तालिबान के इनकार के बाद शर्मिंदगी के एहसास से भरे पाकिस्तान ने आतंकवादियों को हिंसक अभियान तेज करने की उनकी हालिया घोषणा को वापस लेने या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा है। तालिबान ने इस महीने की शुरुआत में पश्चिम समर्थित अफगान सरकार को सत्ता से बाहर करने के संकल्प के साथ 'ऑपरेशन उमरी' की शुरुआत की घोषणा की थी। आतंकवादी समूह की इस घोषणा ने पाकिस्तान में कई लोगों को चौंका दिया है।

शांति की पहल पटरी से उतरने की आशंका
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से कहा है कि तालिबान के इस कदम से क्वाड्रीलेटरल को-ऑर्डिनेशन ग्रुप (क्यूसीजी) की शांति की पहल पटरी से उतर जाएगी, जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन और अमेरिका शामिल हैं। इसकी शुरुआत पिछले साल दिसंबर में हुई थी। क्यूसीजी का लक्ष्य विद्रोहियों और अफगानिस्तान की सरकार के बीच सीधी बातचीत है।

वार्ता नहीं, तो तालिबान चुकाएगा भारी कीमत
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने तालिबान से हिंसा छोड़ने और बातचीत करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान नेतृत्व को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि अगर वह शांति वार्ता में शामिल नहीं होता है तो उसे 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी।

यह स्पष्ट नहीं है कि हालिया चेतावनी कारगर साबित होगी या नहीं, क्योंकि कुछ रिपोर्टों के अनुसार कई तालिबान नेता पहले ही पाकिस्तान छोड़ चुके हैं या किसी भी कार्रवाई से बचने की कोशिश में अफगानिस्तान लौटने की योजना बना रहे हैं।

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