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सड़क पार करने पर लग सकता है जुर्माना. क्यों जानें और समझें

भारत में इस प्रकार का को स्पष्ट कानून नहीं है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी कहीं भी सड़क पर नियमों की अनदेखी कर सकता है. भारत में भी जेब्रा क्रॉसिंग बनाई गई हैं

सड़क पार करने पर लग सकता है जुर्माना. क्यों जानें और समझें
जेब्रा क्रॉसिंग ....
नई दिल्ली:

What is JayWalking? जेवॉकिंग क्या है. क्या आप जानते हैं. भारत में इस शब्द का प्रयोग न के बराबर होता है. यह शब्द एक प्रकार का ट्रैफिक नियम है. यानी रोड क्रॉस (Road Crossing rule) करने के लिए एक नियम बना है. यह नियम सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए बना है. इससे सड़क पर पैदल चलने वाले और गाड़ी चलने वाले दोनों ही प्रकार  के लोगों की सुरक्षा के लिए लागू किया गया है. इस नियम का पालन न करने वालों का चालान काटा जाता है. यह नियम कहता है कि सड़क पर जिस स्थान को रोड क्रॉस करने के लिए चिह्नित किया गया है या कहें बनाया गया है वहीं से सड़क को क्रॉस या पार करना चाहिए. इस प्रकार के स्थान को जेब्रा क्रॉसिंग (Zebra Crossing) कहते हैं. 

UAE में जे वॉकिंग पर भारी चालान

कई देशों सही स्थान पर सड़क पार न करने वाले लोगों पर भारी चालान काटा जाता है. इसी प्रकार का एक शहर है दुबई. यूएई के इस प्रमुख शहर दुबई में ट्रैफिक नियम काफी सख्त हैं. दुबई पुलिस ट्रैफिक के नियमों को तोड़ने वालों का तुरंत चालान काटती है और जुर्माना वसूल करती है. यह पर जेवॉकिंग का नियम तोड़ने वाले को 400 यूएई दिरहम (करीब व 9000 भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया जाता है. अकसर इस प्रकार के नियमों से अनभिज्ञ लोग जब दुबई जाते हैं तो वे इस प्रकार के नियमों का शिकार हो जाते हैं. 

यूएई में जे-वॉकिंग यानी बिना अनुमति वाली जगह से सड़क पार करना एक गंभीर अपराध है. दुबई पुलिस का कहना है कि जे-वॉकिंग के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लोग घायल हो जाते हैं या उनकी मौत हो जाती है. दुबई पुलिस का कहना है कि पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि जे-वॉकिंग के कारण 8 लोगों की मौत हो गई और 339 लोग घायल हुए थे. इसी साल यानी 2023 में 44,000 से ज्यादा लोगों पर जे वॉकिंग का नियम तोड़ने की वजह से जुर्माना लगाया गया था.

अब तो आप जान ही गए होंगे कि जब कोई व्यक्ति ट्रैफिक सिग्नल या जेबरा क्रॉसिंग की अनदेखी करके सड़क पार करता है, तो इसे जे-वॉकिंग कहा जाता है. 

जेवॉकिंग का नाम ऐसा क्यों पड़ा
शब्द की उत्पत्ति का अक्षर J के आकार से कोई लेना-देना नहीं है. माना जाता है कि जेवॉकर एक ऐसा शब्द प्रतीत होता है जिसकी उत्पत्ति न्यूयॉर्क शहर में हुई होगी, क्योंकि उस महानगर के बहुत से पैदल चलने वालों को नियत समय या स्थान पर सड़क पार करने की कोई परवाह नहीं है. ऐसा भी माना जाता है कि इस शब्द का जन्म वास्तव में न्यूयॉर्क से बहुत दूर है. यह शब्द कान्सास से भी आया हो सकता है. यहीं पर पहली बार इसके लिखित उपयोग के प्रमाण दिखते हैं. 

आज जो हम जेवॉकर का प्रयोग जिस संदर्भ में करते हैं उस समय उसका अर्थ किसी और संदर्भ में लिया जाता था. यह शब्द थोड़े पुराने शब्द जे-ड्राइवर की नकल में बना होगा. शुरुआत में इसका तात्पर्य घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों या ऑटोमोबाइल के ड्राइवर से था, जिन्होंने काफी यातायात नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था. यानी ये लोग सड़क के गलत तरफ गाड़ी चलाते थे. ऐसे में दूसरे लोगों को दिक्कतें होती थीं.

भारत में क्या है स्थिति
भारत में इस प्रकार का को स्पष्ट कानून नहीं है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी कहीं भी सड़क पर नियमों की अनदेखी कर सकता है. भारत में भी जेब्रा क्रॉसिंग बनाई गई हैं जहां पर पैदल चलने वालों को सड़क पार करने का नियम है. भारत में जेवॉकिंग पर अलग से कानून नहीं है लेकिन सड़क पर सुरक्षा नियमों के जो कानून बने हैं उसमें इस प्रकार का कानून निहित है. भारत में कानून में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सड़क पर वाहनों के सुचारु रूप से चलने में किसी भी प्रकार से अवरोध नहीं किया जा सकता है. 

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