बराक ओबामा और शिंजो आबे ने पर्ल हार्बर में दी श्रद्धांजलि
पर्ल हार्बर, अमेरिका:
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की बुधवार को मेजबानी की जो पर्ल हार्बर की यात्रा पर आए हैं. ओबामा ने दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रशंसा की और कहा कि ये संबंध ‘पहले इतने मजबूत कभी नहीं रहे.’ ओबामा का कार्यकाल अगले महीने समाप्त होगा.
ओबामा के आबे से कहा कि ‘राष्ट्रों के चरित्र की परीक्षा युद्ध में होती है, लेकिन इसका निर्धारण शांति के समय होता है.’ उन्होंने कहा, ‘जब घृणा अपने चरम पर होती है, जब हम कबीलाई खींचतान के दौर में वापस पहुंच जाते हैं, हमें तब भी खुद में सिमटने की इच्छा से बचना चाहिए. हमें उन लोगों को शैतान बनाने की इच्छा से बचाना चाहिए जो हमसे जुदा हैं.’
ओबामा ने कहा, ‘मैं मित्रता की भावना के तहत आपका यहां स्वागत करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हम दुनिया को संदेश देंगे कि युद्ध के मुकाबले शांति में जीतने के लिए अधिक होता है और सुलह से प्रतिकार के बजाए अधिक प्रतिफल मिलता है.’ आबे ने जापानी लड़ाकों द्वारा मारे गए 2400 से अधिक अमेरिकियों के परिवारों के प्रति ‘सच्चे दिल से संवेदनाएं प्रकट’ कीं.
उन्होंने जिस कुख्यात हमले के बाद द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने प्रवेश किया था, उसके 75वां साल पूरे होने पर कहा, ‘हमें युद्ध की भयावहता को दोहराना नहीं चाहिए.’ आबे ने बराक ओबामा के निकट खड़े होकर सुलह की शक्ति की प्रशंसा की और ‘जापान के प्रति सहिष्णुता अपनाने’ के लिए धन्यवाद किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ओबामा के आबे से कहा कि ‘राष्ट्रों के चरित्र की परीक्षा युद्ध में होती है, लेकिन इसका निर्धारण शांति के समय होता है.’ उन्होंने कहा, ‘जब घृणा अपने चरम पर होती है, जब हम कबीलाई खींचतान के दौर में वापस पहुंच जाते हैं, हमें तब भी खुद में सिमटने की इच्छा से बचना चाहिए. हमें उन लोगों को शैतान बनाने की इच्छा से बचाना चाहिए जो हमसे जुदा हैं.’
ओबामा ने कहा, ‘मैं मित्रता की भावना के तहत आपका यहां स्वागत करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हम दुनिया को संदेश देंगे कि युद्ध के मुकाबले शांति में जीतने के लिए अधिक होता है और सुलह से प्रतिकार के बजाए अधिक प्रतिफल मिलता है.’ आबे ने जापानी लड़ाकों द्वारा मारे गए 2400 से अधिक अमेरिकियों के परिवारों के प्रति ‘सच्चे दिल से संवेदनाएं प्रकट’ कीं.
उन्होंने जिस कुख्यात हमले के बाद द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने प्रवेश किया था, उसके 75वां साल पूरे होने पर कहा, ‘हमें युद्ध की भयावहता को दोहराना नहीं चाहिए.’ आबे ने बराक ओबामा के निकट खड़े होकर सुलह की शक्ति की प्रशंसा की और ‘जापान के प्रति सहिष्णुता अपनाने’ के लिए धन्यवाद किया.
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